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Nagpur

स्वयं को पार्लियामेंट से ‘सुप्रीम’ न समझे सर्वोच्च न्यायालय, अठावले बोले-राज और उद्धव ठाकरे साथ आने से महायुति को कोई नुकसान नहीं


नागपुर: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी (आठवले) के प्रमुख रामदास आठवले ने नागपुर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में आठवले ने सुप्रीम कोर्ट की वक़्फ़ बिल पर की गई टिप्पणी को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट को खुदको पार्लियामेंट से सुप्रीम नहीं समझना चाहिए।

रामदास आठवले ने कहा कि डॉ बाबा साहेब के संविधान के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट बिल को लेकर अपना काम कर सकता है लेकिन पार्लियामेंट में बहुतमत से पास हुए बिल खारिज नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार पार्लियामेंट सुप्रीम कोर्ट से बड़ी है।

वहीं, राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने वाली बात पर मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि वह दोनों एकसाथ नहीं आएंगे। यदि वह साथ आते हैं तो फिर साथ ही रहें। आठवले ने कहा कि उनके साथ आने से महायुति को कोई फरक नहीं पड़ेगा लेकिन उद्धव ठाकरे को महाविकास अघाड़ी से बाहर आना पड़ेगा।          

महाराष्ट्र में स्कूलों में हिंदी भाषा को अनिवार्य करने की बात पर आठवले ने कहा कि दुनिया में आगे बढ़ने के लिए मराठी छात्रों को जैसे अंग्रेजी आनी चाहिए वैसे ही उन्हें राष्ट्र भाषा हिंदी भी आनी चाहिए। वहीं, राज्य ठाकरे की मनसे पार्टी के कार्यकर्ता जो मुंबई और महाराष्ट्र में लोगों से जबरदस्ती मराठी बोलने के लिए हरकत कर रहे हैं, हम उनसे सहमत नहीं हैं। उनकी इस भूमिका का हम विरोध करते हैं। इसके साथ ही मंत्री ने राज्य सरकार से महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर फुट डालने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की।