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सरकारी के साथ निजी सेक्टर में भी लागू होगी Unified Pension Scheme! केंद्र का निर्णय आया सामने


नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi) ने सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के लिया बड़ा निर्णय लेते हुए यूनिफाइड पेंशन स्किम (Unified Pension Scheme) को लागू करने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया है। सरकारी कर्मचारियों के घोषित इस योजना को निजी क्षेत्र (Private Sector) में भी शामिल करने की चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस पर अभी तक न कोई बयान जारी किया न कोई जानकारी दी है। 

क्यों जाग रही उम्मीदें?

आप को बतादें कि, 2005 में केंद्र सरकार ने एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्किम को लागू किया था। हालांकि, शुरुआत में यह स्किम केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही थी। लेकिन कुछ साल बाद यानी 2009 में निजी क्षेत्र को भी इस स्किम में शामिल कर लिया गया। सरकार का यह निर्णय बेहद हिट रहा और साल दर साल इसमें बढ़ोतरी होती रही। 2009 में तत्कालीन यूपीए सरकार की वापसी कराने में निजी क्षेत्र को एनपीएस में शामिल करना भी प्रमुख कारण रहा। 

निजी क्षेत्र में एनपीएस लाना बेहद कारगार साबित हुआ है। हर साल इसमें 30 प्रतिशत से ज्यादा तेजी इसमें देखी गई। इस वर्ष केबल जुलाई महीने तक एनपीएस ऐसेट्स में 49 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। और यह 2.95 लाख करोड़ की संपत्ति बन चुकी है। इस स्किम में हर साल नौ लाख निजी क्षेत्र के कर्मचारी जुड़ रहे हैं। केवल पिछले महीने की बात करें तो एनपीएस में शामिल नए कर्मचारियों में 58 प्रतिशत निजी क्षेत्र से थे। 

स्किम को और प्रसिद्ध करने किया जा सकता है शामिल 

यूपीएस में जिस तरह के प्रावधान किया गया है, वह कर्मचारियों के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार की माने तो करीब 90 प्रतिशत कर्मचारी इसे स्वीकार कर लेंगे। वहीं यह भी अनुमान लगाया जा रहा है। योजना में लाभ और इसे और प्रसिद्ध करने के लिए जल्द ही इसे निजी क्षेत्र में भी लागू करने का निर्णय ले सकती है। हालांकि, अभी तक सरकार ने इस पर कोई ऐलान या जानकारी नहीं दी है। अगर भविष्य में केंद्र सरकार ऐसा निर्णय लेती है तो यह न केवल गेम चेंजर साबित होगा, बल्कि इससे निजी क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ो लोगों को फायदा होगा। 

यूपीएस की प्रमुख पांच बातें:

  • यूपीएस अपनाने पर सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। इसकी रकम सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीने के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी। 
  • 25 वर्ष तक की सेवा पर ही यह रकम मिलेगी। 25 वर्ष से कम और 10 साल से ज्यादा की सेवा पर उसके अनुपात में पेंशन मिलेगी।
  • किसी भी कर्मचारी के निधन से पहले पेंशन की कुल रकम का 60 फीसदी हिस्सा परिवार को मिलेगा।
  • कम से कम 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित होगी। महंगाई भत्तों को जोड़कर आज के हिसाब से यह रकम 15 हजार रुपये के आसपास होगी।
  • उपरोक्त तीनों तरह की पेंशन यानी सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन के मामलों में महंगाई राहत यानी DR के आधार पर इनफ्लेशन इंडेक्सेशन मिलेगा।
  • छह महीने की सेवा के लिए (वेतन+डीए) की 10 फीसदी रकम का एकमुश्त भुगतान होगा। यानी अगर किसी की 30 साल की सर्विस है तो उसे छह महीने की सेवा के आधार पर एकमुश्त भुगतान (इमॉल्यूमेंट) होगा। 

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