एवियन इन्फ्लूएंजा से तीन बाघ और एक तेंदुए की मौत, मुख्यमंत्री ने वायरस को रोकने जरुरी कदम उठाने की कही बात

नागपुर: गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में तीन बाघ और एक तेंदुए की मौत हो गई। जाँच करने पर तीनो जानवरो की मौत बार्ड फ्ल्यू से होने की बात सामने आई है। जिसके बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं इसपर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रतिकिया दी है। सीएम ने कहा कि, फ्लू के रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है।
ज्ञात हो कि, 11 दिसंबर 2024 को दो बाघों और 16 दिसंबर को एक और बाघ को ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व से गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित किया गया। तीनों बाघ के पिंजरे एक दूसरे से सटे हुए थे। वहीं तेंदुआ वन्यजीव अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में था।
बाघों को स्थानांतरित करने के बाद उनके स्वास्थ्य की जांच की गई तो उनमें कोई बीमारी नहीं पाई गई थी और न ही किसी में एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण मिले थे। हालांकि, तीनो मेसे एक थोड़ा घायल। इस दौरान तीनों बाघ के कुछ और भी टेस्ट किये गए, जो सभी नेगेटिव आए। हालाँकि, 20 दिसंबर को दो बाघ और एक तेंदुए की मौत हों गई, वहीं 23 दिसंबर को तीसरे बाघ भी मर गया।
गोरेवाड़ा स्थित वन्यजीव अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में सभी के शव का निरीक्षण किया गया। जिसमें पता चला कि उनकी मृत्यु एवियन इन्फ्लूएंजा के कारण हुई थी। अधिक जानकारी के लिए इन पशुओं के नमूने भोपाल स्थित आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान को भेजे गए। यह रिपोर्ट 2 जनवरी 2025 को आई। इस रिपोर्ट में भी चारों जंगली जानवरों की मौत एवियन इन्फ्लूएंजा से होने की बात कही गई।
रिपोर्ट के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। वन्यजीव अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र ने इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य के सभी चिड़ियाघरों, बचाव और संक्रमण उपचार केंद्रों (टीटीसी) को अलर्ट जारी किया है। इसी बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सभी जरूरी उपाय करने की बात कही है।

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