बाघ शव मामला: पुलिस ने छह आरोपियों को किया गिरफ्तार, 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा
नागपुर: जिले के खापा वन क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई थी, जहाँ बिजली का करंट लगाकर बाघ को मार डाला था। कोरमेटा क्षेत्र के सिरोंजी सीमा के भंगाला नाला में घटी मामले में अदालत ने छह आरोपियों को 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जिनमें से चार नागपुर जिले के और दो मध्य प्रदेश के हैं।
आरोपियों में पंढरी कुंभार, किशोर भलावी, नंदू भलावी, माणिक सिलु (सभी सावनेर) और राजू दरसमा तथा एक अन्य आरोपी (दोनों मध्य प्रदेश) शामिल हैं। आरोपियों ने लोहे के तार और बांस की डंडियों का उपयोग करके बिजली का जाल बिछाया था।
वन विभाग की प्रारंभिक जांच में दो संभावित कारण सामने आए हैं। एक यह कि बाघ का शिकार जादू-टोने के लिए किया गया होगा, जबकि दूसरी यह कि बाघ होली के लिए जंगली सूअर या हिरण के शिकार के लिए बिछाए गए जाल में फंस गया होगा।
तीन से साढ़े तीन साल के इस बाघ के शरीर के अंग, जैसे मूंछ, दांत और पंजे, शिकारियों द्वारा चुरा लिए गए हैं। वन विभाग ने मध्य प्रदेश के आदिवासी गांवों सरदोनी, सावरनी, चकरा, चौरे पठार और तोरणी में विशेष जांच अभियान चलाया। इस क्षेत्र के कुछ कुख्यात अपराधियों से पूछताछ की गई और उन्हें छोड़ दिया गया।
सहायक वन संरक्षक वी.सी. गंगावने और वन रेंज अधिकारी एस.जी. अठावले के नेतृत्व में जांच चल रही है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह बात सामने आई है कि इस क्षेत्र में आदिवासी समूह पहले जादू-टोने के लिए और फिर आदत के कारण जंगली जानवरों का शिकार कर रहे हैं।
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