वर्धा-बल्लारशाह के बीच बिछाई जाएगी रेलवे की चौथी लाइन, केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने वर्धा बल्लारशाह के बीच रेलवे की चौथी लगाई बिछाने का निर्णय लिया है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसी के साथ कैबिनेट ने बड़ा निर्णय लेते खरीफ की फसलों पर एमएसपी को लागत से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय रेलवे में दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, ताकि यात्रियों और माल दोनों का निर्बाध और तेज परिवहन सुनिश्चित किया जा सके। इन रेल लाइनों में वर्धा-बल्लारशाह और रतलाम- नागदा शामिल हैं।
इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपये है और इन्हें 2029-30 तक पूरा किया जाएगा। ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को कवर करने वाली ये दो परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 784 गांवों तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, जिनकी आबादी लगभग 19.74 लाख है। ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 18.40 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।
रेलवे पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (20 करोड़ लीटर) को कम करने और CO2 उत्सर्जन (99 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 74 लाख मानव-दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा।

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