Chandrapur: केवल छह दिनों का शीतकालीन सत्र; विधायक सुधाकर अडबाले ने विदर्भ की समस्या के समाधान को लेकर जताया संशय

चंद्रपुर: नागपुर में 16 से 21 दिसंबर तक होने वाले महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की अवधि केवल छह दिन होने से विदर्भ के लंबित मुद्दों का समाधान होगा या नहीं, इस पर संदेह पैदा हो गया है। यह सत्र विदर्भ के लिए हमेशा महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन कम अवधि के कारण कई सवालों के अनुत्तरित रहने की आशंका है।
विधायक सुधाकर अडबाले ने अधिवेशन की इस छोटी अवधि की आलोचना करते हुए कहा, “छह दिन का सत्र नेताओं के लिए महज़ हवा का बदलाव है। उन्होंने कहा कि कृषि, सिंचाई, बेरोजगारी, शिक्षकों के मुद्दे समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे अभी भी लंबित हैं।
उन्होंने कहा, “छह दिवसीय सत्र केवल मुंबई और पुणे के नेताओं के लिए हवा बदलने जैसा लगता है।'” उन्होंने कहा कि विदर्भ की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अडबाले ने विदर्भ की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने और लंबित मुद्दों पर ठोस निर्णय लेने की मांग की है।

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