शिंदे-फडणवीस सरकार की फर्जी घोषणा, पात्र सदस्यों वाली सोसायटी में केवल 7 किसानों को प्रोत्साहन अनुदान

मूल: पिछले तीन वर्ष में नियमीत फसल कर्ज भरनेवाले किसानों को 50 हजार रूपए प्रोत्साहन अनुदान दिवाली से पहले किसानों के बैंक खाते में जमा होने की घोषणा शिंदे - फडणवीस सरकार ने की. लेकिन मूल तहसील विविध कार्यकारी सहकारी सोसायटी में नियमित कर्ज का भुगतान करने वाले 300 पात्र सदस्य हैं ऐसे में केवल 7 सदस्यों की सूची प्राप्त होने से केवल 7 सदस्यों का प्रोत्साहन भत्ता जमा हुवा है व 7 किसानों के घर दिवाली के दिन दिए लगे शेष सैकडों किसानों के घर में मात्र दिवाली के त्योहार में भी दिए नही लगा पाए. कई किसान प्रोत्साहन अनुदान से अबतक वंचित है. यह शिंदे-फडणवीस सरकार की फर्जी घोषणा होने का आरोप चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष तथा पूर्व जिप अध्यक्ष संतोष सिंह रावत ने मूल तहसील के किसानों द्वारा किया है.
इससे पहले महाविकास आघाड़ी सरकार ने प्रोत्साहन अनुदान देने का फैसला किया था. तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा था कि इसे 1 जुलाई से लागू किया जाएगा और किसानों के खाते में डाल दिया जाएगा, लेकिन दुर्भाग्य से 1 जुलाई से पहले महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई और शिंदे फडणवीस सरकार सत्ता में आई. किसानों के खाते में प्रोत्साहन अनुदान देने का निर्णय तुरंत रद्द कर दिया गया और किसानों को बिना वजह इंतजार कराते रहे. कुल मिलाकर शिंदे-फडणवीस सरकार किसानों के हित में नहीं है. इसलिए किसानों के पक्ष में फैसला रद्द कर दिया गया.
ऐसी चर्चा किसान वर्ग में की जा रही है. सत्ता में तीन महीने पूरे करने के बाद दीवाली की पूर्व संध्या पर नियमित फसल कर्ज चुकाने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया. लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार और उनका प्रशासन इसे ठीक से लागू करने में पूरी तरह विफल रहा है. इसलिए सैकड़ों किसानों की उम्मीदों को तोड़ने के बाद दिवाली के दौरान मूल तहसील के किसानों के घरों में अंधेरा रहने का आरोप चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष तथा पूर्व जिप अध्यक्ष संतोष सिंह रावत ने शिंदे फडणवीस सरकार पर किया है.
शिंदे-फडणवीस सरकार के गलत फैसले से किसानों की दिवाली पर अंधेरा छा गया है. पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार ने 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन सब्सिडी देने की पूरी प्रक्रिया संबंधित बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा की गयी थी. और उस तरह की रिपोर्ट सरकार को भी भेजी जाती थी, कर्जदार किसानों के खाते में केवल प्रोत्साहन अनुदान की राशी जमा करनी थी. उसके बाद भी वह निर्णय क्यो रद्द किया व किसानेां की दिवाली अंधेरे में मनाने की शिंदे फडणवीस सरकार ने किसानों पर लायी है.
शिंदे-फडणवीस सरकार किसान विरोधी है. इसलिए, अकाल में तेरहवा महीना किसानों पर लाया है. ऐसे सरकार को किसान कभी माफ नही करेगी ऐसी प्रतिक्रिया सीडीसीसी बैंक के अध्यक्ष तथा पूर्व जिप अध्यक्ष संतोष सिंह रावत के पास किसानों ने व्यक्त की. नियमीत रूप से कर्ज भरनेवाले किसानों को तत्काल प्रोत्साहन अनुदान की राशी दिए जाने की मांग किसानों की ओर से संतोष सिंह रावत ने की है.

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