कारगिल में शहीद पिता का बेटे ने पूरा किया सपना,आयआयएम के बजाये सेना को चुना

नागपुर: प्रज्वल जब अपनी माँ के गर्भ में था तभी उसके पिता लान्स नाईक कृष्णाजी समृत कारगिल के युद्ध में शहीद हो गए थे.पिता की शहादत के 45 दिनों बाद प्रज्वल का जन्म हुआ.शहीद कृष्णाजी समृत का बड़ा बेटा उनकी शाहदत के वक्त ढाई साल का था.वीर पिता का सपना था की उनका बेटा भारतीय सेना में जाये लेकिन उनकी यह इच्छा अधूरी ही रह गयी.उन्हें शहादत हासिल हुई और उनका बड़ा बेटा बड़ा होकर सैनिक होने के बजाये इंजिनियर बन गया.लेकिन अपने शहीद पिता का सपना पूरा करने का बीड़ा उठाया उनके छोटे बेटे प्रज्वल ने लेकिन इसके लिए पहले उसे 8 बार नकमियाबी का सामना करना पड़ा.मगर समय का पहिया घूमा और वह अब देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी ज्वाइन करने जा रहा है.वो वहा बतौर कैडेड नियुक्त हो रहा है.प्रज्वल के सैनिक बनने का सपना आसान नहीं था.2018 में उसने एनडीए की तैयारी शुरू की,12 वी के बाद उनके पढ़ाई से ड्राप लिया। उसने लगातार 7 बार एमएसबी की परीक्षा दी लेकिन कामियाबी नहीं मिली। आठवीं बार में सफलता मिली।इसी बीच उनके कैट की परीक्षा भी पास कर लिए लेकिन नंबर लगने के बाद वो आयआयएम के बजाय सैनिक बनाना तय किया।

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