logo_banner
Breaking
  • ⁕ Gadchiroli: अवैध मुर्गा बाजार पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 92 आरोपी हिरासत में; 44.26 लाख का माल जब्त ⁕
  • ⁕ नागपुर में तीन अलग-अलग मामलों में युवतियों के साथ दरिंदगी; इमामवाड़ा,सोनेगांव और बेलतारोड़ी थाना परिसर में हुई घटनाएं ⁕
  • ⁕ सेन्ट्रल जेल में फिर हंगामा: कैदियों ने की सुरक्षा गार्ड की पिटाई, धंतोली पुलिस ने दर्ज किया मामला ⁕
  • ⁕ Amravati: रोटावेटर घुमाकर खेत में बची हुई फसल को किसान ने किया नष्ट ⁕
  • ⁕ बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र बनने से 26 से 28 सितंबर के बीच विदर्भ में बारिश बढ़ने की संभावना ⁕
  • ⁕ बुलढाणा जिले के उबाठा गुट के कई सरपंच, ग्राम पंचायत सदस्य प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चौहाण की उपस्थिति में भाजपा में हुए शामिल ⁕
  • ⁕ Amravati: त्योहारों में गेहूं की जगह ज्वार का वितरण, नवंबर तक सरकारी दुकानों पर जारी रहेगा ज्वार-चावल वितरण ⁕
  • ⁕ दो महीने के भीतर लाड़ली बहनों को ई-केवाईसी कराना अनिवार्य, महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने दी जानकारी ⁕
  • ⁕ Buldhana: लोणार झील क्षेत्र के आधे से ज़्यादा मंदिर हुए जलमग्न, नवरात्रि उत्सव में खलल पड़ने की आशंका ⁕
Wardha

विवादों में फंसे हिंदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने दिया इस्तीफा


वर्धा: वर्धा स्थित महात्मा गांधी आंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रा.रजनीश कुमार शुक्ल ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है.कई संगीन आरोपों का सामना कर रहे कुलगुरु पर कई तरह के आरोप लगे,छात्रों का एक धड़ा लगातार कुलगुरु के इस्तीफ़े की मांग पर अड़ा हुआ था.शुक्ल ने लगभग चार सालों तक इस पद पर सेवा दी.लेकिन विवाद में पड़ने के बाद उन्होंने अपना पद छोड़ना ही पड़ा.चार वर्षो का उनका कार्यकाल लगातार विवादों से भरा रहा.विद्यार्थी संगठन से उनका विवाद,प्राध्यापकों का निलंबन,महिला अधिकारी से साथ लीक हुई उनकी बातचीत,ज़हर पीने का घटनाक्रम इन सारी वजहों से विश्वविद्यालय ख़ासी चर्चा में रहा.विवाद के चलते हालही में राष्ट्रपति से ऐन वक्त पर दीक्षांत समारोह में उपस्थित रहने से माना कर दिया था जिस वजह से विश्वविद्यालय की ख़ासी फ़जीहत हुई.शुरुवात में खुद सामने आने से बचने वाले कुलगुरु ने आख़िरकार प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर अपनी बात रखी इसके बाद प्र कुलगुरु का मामला सामने आया.इन सारे विवादों के चलते आख़िरकार कुलगुरु ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है.कुलसचिव कादर नवाज खान ने इस बारे में पुष्टि की है.पद की तात्कालिक जिम्मेदारी फ़िलहाल वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एल. कारुण्यकरा को सौंपी गयी है.