Wardha: सतर्क टीटीई और चौकन्नी आरपीएफ ने नाबालिग का किया रेस्क्यू, घर से भागकर जा रहा था मुंबई

वर्धा: भारतीय रेलवे के वाणिज्य विभाग और सुरक्षा बल की सतर्कता ने एक मासूम की ज़िंदगी को भटकाव से बचा लिया। मध्य रेलवे के नागपुर मंडल के टिकट परीक्षक (टीटीई) श्री राजेंद्र सलाम की मानवीय संवेदनशीलता और आरपीएफ की त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ एक नाबालिग की सुरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि एक संभावित बड़े संकट को भी समय रहते टाल दिया।
घटना ट्रेन संख्या 22110 (अहमदाबाद–नागपुर एक्सप्रेस) की है, जब 23 जुलाई को कोच S/09 में ड्यूटी पर तैनात टीटीई राजेंद्र सलाम को एक अकेला और डरा हुआ नाबालिग लड़का नजर आया। शक होने पर जब उन्होंने बच्चे से बातचीत की तो पता चला कि वह पारिवारिक विवाद के चलते बिना किसी को बताए घर से भागकर मुंबई जा रहा था।
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए टीटीई ने तुरंत नागपुर नियंत्रण कक्ष को जानकारी दी। रेलवे प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए धामणगांव स्टेशन पर आरपीएफ को अलर्ट किया। स्टेशन पर एएसआई आर.एस. खांडेकर, पीआरए संजय खंडारे, ए. मनोज असोले और ए. उमेश धुराटे की टीम ने लड़के को सुरक्षित ट्रेन से उतारकर आरपीएफ चौकी लाया।
आरपीएफ ने बच्चे से सहानुभूति पूर्वक बातचीत की और उसके माता-पिता से संपर्क साधा। प्राथमिक मेडिकल जांच के बाद बच्चे को बडनेरा स्टेशन पर चाइल्डलाइन टीम को सौंप दिया गया, जहाँ से उसे एक सरकारी देखभाल केंद्र में अस्थायी रूप से रखा गया है। यह घटना रेलवे कर्मचारियों की जागरूकता, मानवता और संवेदनशीलता का बेहतरीन उदाहरण है। भारतीय रेलवे की यह त्वरित कार्रवाई जनकल्याण और सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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