Amravati: पेंटिंग करने वाले की बेटी ने किया कमाल, यूपीएससी में 63वां स्थान किया हासिल

अमरावती: अमरावती के एक पेंटिंग करने वाले की बेटी ने केंद्रीय लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा में अपने दृढ़ निश्चय से बड़ी सफलता हासिल की है। बच्ची का नाम पल्लवी देवीदास चिंचखेड़े है। उन्होंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 63वां रैंक हासिल किया है। एक गरीब परिवार की लड़की द्वारा यह उपलब्धि हासिल करने पर लोगों उसकी भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं।
एक मजदूर वर्ग के परिवार से ताल्लुक रखने वाली पल्लवी ने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अमरावती में पूरी की। उन्होंने यहां के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। उसके बाद उन्हें निजी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो में नौकरी भी मिल गई। इस अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी का लालच न देखकर उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली पहुंच गई। उनकी पांच साल की मेहनत रंग लाई और उन्होंने यूपीएससी 'सिविल सर्विसेज मेन' परीक्षा 2021 पास कर ली। आरक्षित सूची के परिणाम कल घोषित किए गए। इसमें उन्हें 63वां स्थान मिला था।
पल्लवी के पिता पेंटिंग कर अपना गुजारा करते हैं। माँ सिलाई करती है। पल्लवी की बहन एक बैंक में कार्यरत है। जबकि भाई सोशल वर्क कॉलेज में पढ़ रहा है। जब पल्लवी पांचवी कक्षा में थी, तो उसके पिता उसे आईएएस अधिकारी तुकाराम मुंडे के सम्मान कार्यक्रम के लिए अमरावती के संत ज्ञानेश्वर सभागार में ले गए। पल्लवी ने कहा कि मुंडे के भाषण ने उन्हें उस समय प्रभावित किया था। मैंने बचपन से ही यूपीएससी का सपना देखना शुरू कर दिया था। लेकिन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पुणे की एक कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय थी। पल्लवी ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी के लिए एक बड़ी रकम की जरूरत थी, जो उसने इस वेतन से एकत्र की थी।
पल्लवी ने कहा कि वह भविष्य में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करना चाहेंगी।पल्लवी के पिता देवीदास चिंचखेड़े ने ऐसी भावना व्यक्त की कि पल्लवी ने अपने सपने को पूरा करने के लिए अपनी पूरी कोशिश की है।

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