हादसे के बाद मनपा प्रशासन नींद से जागा,जर्जर इमारतों पर फिर शुरू हुई कार्रवाई

अमरावती; अमरावती शहर के प्रभात चौक पर एक जर्जर इमारत गिरने के बाद शहर में फिर से पुरानी और जीर्ण हो चुकी इमारतों का मामला सुर्ख़ियों में आ गया है। अमरावती महानगरपालिका क्षेत्र के हद में आने वाली 32 इमारतें खतरनाक स्थिति में हैं और जिनका दोबारा से सर्वे किया जाना है. इनमे से पांच इमारतों को मनपा आयुक्त द्वारा दो दिन के भीतर खाली करने का आदेश दिया गया है. साथ ही अन्य जीर्ण इमारतों को गिराए जाने का आदेश भी दिया गया है.इस बीच प्रभात चौक में हुई घटना की जांच के लिए विभागीय आयुक्त ने जांच कमेटी का गठन किया है.मनपा के पांच जोन में कुल 87 खतरनाक श्रेणी के इमारत में से 45 इमारत को तोड़ा गया.जबकि 42 इमारत को गिराने का नोटिस दिया गया। इस बार मानसून के दौरान मनपा के निर्माण कार्य विभाग द्वारा एक और नोटिस जारी कर 10 इमारतों को तोड़ा गया, लेकिन 32 इमारतें जस की तस बनी रहीं। इसमें से एक इमारत रविवार को गिर गई। जिसमें 5 लोगों की दबने से मौत हो गई. इस घटना के बाद शहर में जर्जर इमारतों के खतरे को लेकर एक बार फिर से मनपा प्रशासन एक्टिव हो गया है। मनपा आयुक्त डॉ प्रवीण आष्टीकर ने घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद निर्माण कार्य विभाग और नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और शहर के सभी खतरनाक भवनों का फिर से सर्वेक्षण करने का आदेश दिया.राजपेठ और भाजीबाजार क्षेत्र में सबसे खतरनाक इमारत हैं और वर्तमान में इस श्रेणी में 32 इमारतें हैं। इनमें से पांच इमारतें 7 बेहद खतरनाक हैं जबकि इन इमारतों में कई परिवार भी रहते है इन दिनों इमारतों को दो दिनों के भीतर खाली करने के भी आदेश दिए हैं।

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