Amravati: वेतन नहीं मिलने को लेकर जिला परिषद् के शिक्षकों ने किया आंदोलन

अमरावती: राज्य सरकार द्वारा अन्य कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की तीनों किश्तें मिलीं, दीवाली से पहले भुगतान भी कर दिया गया, लेकिन जिला परिषद के शिक्षकों को अभी तक उनकी बकाया किश्त नहीं मिली है और न ही उन्हें दिवाली से पहले भुगतान किया गया है। इस नीति के विरोध में महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के नेतृत्व में शिक्षकों ने बुधवार को काले रिबन पहनकर और सरकार को 1 रुपये का मनी ऑर्डर भेजकर विरोध किया।
शिक्षक समिति के राज्य प्रचार प्रमुख राजेश सावरकर, जिला महासचिव संभाजी रेवाले, महिला अघाड़ी प्रमुख सरिता कठोले ने प्राथमिक उप शिक्षा अधिकारी बुद्धभूषण सोनवणे और कक्षा अधीक्षक को वेतन और किस्तों के तत्काल भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सरकार ने अक्टूबर माह का वेतन दिवाली से पहले देने का आदेश दिया था। तदनुसार, शिक्षकों को छोड़कर जिला परिषद के सभी कर्मचारियों को दिवाली से पहले भुगतान किया गया था।
हालांकि, जिला परिषद शिक्षकों के वेतन के लिए दी जाने वाली छोटी सब्सिडी के कारण, अमरावती जिले सहित 25 जिला परिषद शिक्षकों के वेतन का भुगतान दिवाली से पहले नहीं किया जा सका। साथ ही, 7वें वेतन आयोग की पहली, दूसरी और तीसरी किस्त का भुगतान सभी संवर्ग के कर्मचारियों को उनके भविष्य निधि खातों में और नकद में किया गया। लेकिन जिला परिषद के शिक्षकों को अब तक दूसरी और तीसरी किस्त नहीं दी गई है।
शिक्षक समिति ने आरोप लगाया है कि सरकार जिला परिषद के शिक्षकों के साथ बदसलूकी कर रही है। सरकार की इस नीति के प्रति शिक्षकों में भारी रोष है और दीपावली के बाद पहले दिन उन्होंने काली पट्टी बांधकर सरकार को 1 रुपये का मनीआर्डर कर अपना विरोध जताया। शिक्षक समिति के पदाधिकारियों ने 11 तारीख को फिर से स्कूल के पहले दिन काले रिबन लगाने का संकल्प व्यक्त किया।
अमरावती जिला शाखा आज अमरावती जी.पी. प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का विरोध किया गया। इस मौके पर राजेश सावरकर, संभाजी रेवाले, सरिता कथोले, विनीता गुलाक्षे, प्रफुल्ल वाथ, संतोष राउत, उमेश चंकीकर, चंद्रकांत कुरालकर, अब्दुल खलील, राजू विरुलकर, मनीष काले, सचिन राउत, विजय राउत, अनूप डाइके, सुरेंद्र मेटे आदि मौजूद रहे। वर्तमान।

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