logo_banner
Breaking
  • ⁕ बुटीबोरी में हुए हादसे में तीन मजदूरों की मौत, 11 मजदूरों के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी, प्राइवेट अस्पताल में चल रहा इलाज ⁕
  • ⁕ Wardha: शिवाजी चौक पर कार ने 14 वर्षीय छात्रा को टक्कर मार दी, मौके पर मौत, नागरिकों ने चौक पर रोष जताया ⁕
  • ⁕ पद्म श्री मूर्तिकार राम सुतार का 101 वर्ष की उम्र में निधन, नोएडा स्थित अपने आवास पर ली अंतिम सांस ⁕
  • ⁕ नागपुर मनपा चुनाव: महायुति में सीट बटवारें का फॉर्मल हुआ तय, भाजपा 120, शिवसेना 20 और एनसीपी 11 सीटो पर लड़ सकती है चुनाव ⁕
  • ⁕ ईडब्ल्यूएस फ्लैट घोटाले में दोषी मानिकराव कोकाटे ने दिया इस्तीफा, नाशिक सत्र न्यायलय के गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद दिया इस्तीफा ⁕
  • ⁕ पेंच टाइगर रिजर्व में जल्द शुरू होगी सोलर बोट सफारी, वन विभाग ने प्रदूषण-मुक्त बोट का ट्रायल किया शुरू ⁕
  • ⁕ भाजपा में टिकट के दावेदारों की भारी भीड़, नागपुर मनपा चुनाव को लेकर साक्षात्कार कार्यक्रम बदला ⁕
  • ⁕ नई विधानसभा निर्माण प्रोजेक्ट में बढ़ा विवाद, पेड़ो की कटाई को लेकर पर्यावरणवादियों ने खोला मोर्चा ⁕
  • ⁕ सूदखोरी का कहर! चंद्रपुर में साहूकारों की दरिंदगी, एक लाख का कर्ज़ 47 लाख बना; कर्ज चुकाने किसान ने बेच दी किडनी ⁕
  • ⁕ मनपा के बाद ZP–पंचायत समिति चुनाव जल्द जनवरी के अंतिम सप्ताह में मतदान की संभावना ⁕
Amravati

अगर एक अधिकारी को थप्पड़ मारने से लाखों किसानों को फायदा होता है तो इसमें गलत क्या है?: बच्चू कडु


अमरावती: फसल बीमा के मुद्दे पर विधायक बच्चू कडू ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है। उन्होंने कृषि विभाग व बीमा कंपनी के अधिकारियों पर किसानों के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। इसी के साथ उन्होंने बीमा अधिकारियों को मारने की धमकी तक दे दी है। शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "लाखों किसानों के लिए फसल बीमा अधिकारी को थप्पड़ मरने में कुछ भी गलत नहीं है।

बच्चू ने कटु स्वर में कहा, “सरकार भले ही हमारी हो, कंपनी तो कंपनी होती है। कभी-कभी कंपनी सरकार के कानूनों को नहीं मानती है, अगर वह लाखों किसानों को मार दे तो क्या हर्ज है। हमने यह नहीं कहा कि हम कौन सा खून खींचते हैं। थोड़ा सा मारना थप्पड़ मारने जैसा है। अगर इससे किसानों को फायदा होता है तो इसे करने में कोई हर्ज नहीं है।'

किसानों की मौत से अच्छा धमकी देना

प्रहार प्रमुख ने कहा, "प्रशासनिक व्यवस्था में सचिव, कृषि सचिव और आयुक्त को जो युद्ध स्तर की कार्रवाई करनी चाहिए वो नहीं हो रही है। लोगों को नीचे विरोध करना होगा। अगर कुछ किसान अपनी जान गंवा देंगे और फिर सिस्टम कार्रवाई करेगा। इससे अच्छा है कुछ धमकियां देने से काम हो जाए तो यह ज्यादा जरूरी है।"