अंजनगांव सुर्जी में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से पेड़ो की कटाई, वन विभाग ने मूंदी आखें

अमरावती: अंजनगांव तहसील में बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई शुरू है। जहां सरकार हर साल वृक्षारोपण के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है, वहीं वन विभाग के आशीर्वाद से तहसील में आरा मशीन मशीन चौबीसों घंटे चलती नजर आ रही है। इतनी बड़ी संख्या में होरही पेड़ो की कटाई पर वन विभाग ने अपनी आखें मूंदी हुई है। वन विभाग की इस कार्यप्रणाली पर पर्यावरणविद और ग्रामीण तीव्र रोष व्यक्त कर रहे हैं।
धनेगाव, वडनेर, भुजंग, हंतोडा, विहीगाव एवं शहरी क्षेत्र में जंभूल, आम, कडू निंब, वड़, पिंपल, सागौन सहित कई पेड़ हैं। इस क्षेत्र में लकड़ी के व्यापारी अधिकारियों के मिलीभगत के साथ बड़ी संख्या में पेड़ों को काट रहे हैं। काटे गए पेड़ों को अवैध रूप से सड़क मार्ग से सीधे उन जगहों पर पहुंचाया जा रहा है जहां चीरघर हैं। इसके अलावा अंजनगांव सुरजी और दरियापुर रोड पर जलने के लिए इन क्षेत्रों के लोग बड़ी मात्रा में छोटे और बड़े पेड़ों का उपयोग कर रहे हैं। वन विभाग इस कटाई को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहा है।
आम नागरिकों पर सख्ती व्यापारियों से दोस्ती
वन विभाग के अधिकारियों के पास पेड़ों की कटाई के संबंध में जानकारी रहती है। लेकिन वे उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं करते हैं। वहीं अगर कोई किसान गलती से पेड़ काट देता है, तो वे अनुमति के नाम पर उसे डंडा दिखाते हैं और कार्रवाई की धमकी देते हैं। लेकिन दूसरी तरफ चर्चा है कि सैकड़ों पेड़ों को मार रहे व्यापारी बिना कोई कार्रवाई किए उसकी कंपनी में पार्टी करते नजर आ रहे हैं और मांग है कि इन पर लगाम लगाई जाए।
नए ले-आउट को लेकर भी पेड़ों की कटाई
देश में बड़ी संख्या में शहरी करण हो रहा है। जिसके कारण शहरी क्षेत्र से लगे इलाकों में नए लेआउट का निर्माण बिल्डरों और प्रॉपर्टी डेवलपरों द्वारा किया जा रहा है। इस कारण भी बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई की जा रही है। हालांकि, वन क्षेत्र में भी अवैध रूप से वनों की कटाई जारी है जिस पर वन विभाग के अधिकारी अपनी आँख मूंदे हुए हैं।

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