Bhandara: प्रशासन ने रेत उत्खनन पर लगाई पाबंदी, सैकड़ो मजदूरों के सामने छाया रोजगार का संकट

तुमसर. वर्तमान में प्रशासन की ओर से रेत के उत्खनन पर पूरी तरह से पाबंदी लगाए जाने से शेकडो मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. वही घरकुल के साथ ही अन्य निर्माण कार्य अधूरे अवस्था मे पड़े हुए हैं. रेती के अभाव में कार्य बंद होने से शेकडो मजदूरों पर भूखों मरने की नोबत आन पड़ी है.साथ ही मकान मालिकों को परेशान होना पड़ रहा है.इस संदर्भ राका के विधानसभा अध्यक्ष देवचंद ठाकरे ने जिला प्रशासन से इस ओर ध्यान देकर तत्काल लोगो को राहत दिलाने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि,प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि,तहसील के घाटों से धड़ल्ले रेती की चोरी की जाती है, लेकिन उन्हें चोरी करने के लिए मजबूर कौन करता है यह सवाल उठता है.यदि प्रशासन की ओर से घाटों की नियमानुसार नीलामी की जाती तो रेती की चोरी क्यो की जाती? प्रशासन की ओर से तत्काल इस ओर ध्यान देकर घाटों की नीलामी कर इसमे भी स्थानीय लोगो को ही प्राथमिकता देनी चाहिए.
टैक्टर व निर्माण कार्य के मजदूर हुए बेरोजगार
रेती पर पाबंदी लगाए जाने टैक्टर पर हमाली करने वाले एवं निर्माण कार्य करने वाले मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. गत एक डेढ़ माह से उनके हाथों को काम नही होने से वे बेरोजगारी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं. इसमे कुछ मजदूरों को खाने के लाले पड़ चुके हैं, प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर घाट नीलामी की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
घरकुल लाभार्थियों को उपलब्ध कराए रेती
क्षेत्र में ग्रामीण एव शहर परिसर में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत मंजूर किए गए शेकडो घरकुल के निर्माण कार्य रेती के अभाव में अधूरे अवस्था मे पड़े हुए हैं..दिन-ब- दिन निर्माण सामग्री महंगी होने से सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान से उनके घरकुल का निर्माण कार्य पूर्ण होगा क्या,यह सवाल उठता है..ठाकरे ने घरकुल लाभार्थियों को न्याय देने के लिए तहसील कार्यालय के माध्यम से रेती उपलब्ध करवाकर देने की मांग की गई है.

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