Bhandara: लखनी के किटाडी इलाके में बाघों का आतंक; जीविका के लिए जान हथेली पर रखकर खेतों में करना पड़ रहा काम
भंडारा: भंडारा ज़िले की लखनी तहसील के किटाडी के वन क्षेत्र में कई बाघों की स्वतंत्र आवाजाही ने स्थानीय किसानों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। अब किसान अपनी मेहनत की कमाई से उगाई गई फसल बेचने के लिए लाने खेतों में नहीं जा सकते।
कभी बाघ खड़ी फसलों में बैठा दिखाई देता है तो कभी खुलेआम घूमता हुआ दिखाई देता है। अब किसान बाघों के डर से अकेले खेतों में नहीं जा सकते और कृषि कार्य बाधित हो गया है। अगर खेती नहीं होगी, तो भविष्य में वे अपना गुज़ारा कैसे करेंगे? इसके लिए किसान वन विभाग से इन बाघों को अपने नियंत्रण में लेने की माँग कर रहे हैं।
पिछले साल से इन बाघों ने इलाके में गाय, भैंस, बैल और बकरियों जैसे पशुधन को काफी नुकसान पहुँचाया है। हालाँकि, वन विभाग द्वारा इस नुकसान के लिए दिया जाने वाला मुआवजा बहुत कम है। इसलिए अब पशुपालक पशुपालन व्यवसाय छोड़ने के कगार पर हैं। वन विभाग को अब इन बाघों की सुध लेनी चाहिए, अन्यथा इलाके में बेरोजगारी का माहौल बन जाएगा।
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