ईडी और सीबीआई की कार्रवाई पर भड़के प्रफुल्ल पटेल, कहा- अब सड़क पर उतरने के अलावा कोई चारा नहीं

गोंदिया: ईडी (ED) और केंद्रीय जांच एजेंसियों (Central Investigations Agency) पर दबाव बनाकर विपक्षी दलों को खत्म करने की केंद्र सरकार (Central Government) की कोशिशें अभी थमी नहीं हैं। अब ये गतिविधियां अत्यधिक हो गई हैं। देश और प्रदेश में बहुत गंदी राजनीति की जा रही है। अब लोग सड़कों पर उतरेंगे, इसके अलावा कोई और चारा नहीं बचा। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल (Prafull Patel) ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "इसमें बड़ी राजनीति की जा रही है। पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर रुपये की जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था। उसे क्या हुआ उस मामले में कुछ नहीं मिला। परमवीर सिंह की जांच नहीं हुई और निर्दोष देशमुख को डेढ़ साल तक जेल में रखा गया। अगर केंद्र सरकार इतने निचले स्तर पर काम कर रही है तो सवाल उठता है कि देश में लोकतंत्र बचा है या नहीं।"
हसन मुश्रीफ की गिरफ़्तारी में राजनीति की बू
हसन मुश्रीफ (Hasan Mushreef) के मामले पर बोलते हुए पटेल ने कहा, "इस गिरफ्तारी से भी गंदी राजनीति की बू आती है। इस मामले में भी ईडी को सबूत नहीं मिलेंगे और हसन मुश्रीफ बरी हो जाएंगे। लेकिन तब तक सिस्टम उन्हें परेशान करने वाला है। सभी राजनीतिक दलों ने इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र दिया है। इस मामले में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी दखल दिया। लेकिन उन्हें भी केंद्र से कोई जवाब नहीं मिला। केंद्रीय जांच एजेंसी चंद लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई कर रही है।
हमारे सहयोगी ईमानदार कार्यकर्ता
प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि मुझे हसन मुश्रीफ पर ईडी के छापे के बारे में अभी जानकारी नहीं है। लेकिन ये हरकतें पिछले कुछ दिनों से चल रही थी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता था। लेकिन यह नहीं सोचा था कि उन्हें गिरफ्तार कर सीधे ले जाया जाएगा। हमारे सहयोगी ईमानदार कार्यकर्ता हैं। उनके खिलाफ झूठे आरोप में कार्रवाई की जा रही है। अंत में, वह सिद्ध होकर बाहर आएगा। लेकिन यह केंद्र सरकार की तरफ से नुकसान पहुँचाकर मुश्किल बनाने की कोशिश है।

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