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गोंदिया के 8 गांवों ने राज्य सरकार पर लगाया विकास नहीं करने का आरोप,एमपी में शामिल होने की उठाई मांग


गोंदिया: बुलढाणा के बाद अब गोंदिया के कुछ गांवों ने खुद को मध्यप्रदेश में शामिल किये जाने की मांग उठाई है.बुलढाणा की ही तरह इन गांवों का भी राज्य सरकार के विद्रोह में आवाज उठाने की वजह विकास है.जिले की आमगांव नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले  आमगाव, बनगाव, किडंगीपार, माल्ही, पदमपुर, कुंभारटोली, बिरसी, रिसामा इन 8 गांवों के नागरिकों ने राज्य सरकार पर विकास नहीं होने देने का आरोप लगाते हुए सीमावर्ती गांव मध्यप्रदेश में शामिल किये जाने की मांग की है.अगर यह संभव न हो तो इन गांवों को केंद्र शासित घोषित किये जाये ऐसी मांग उठाई है. इन गांवों में लगभग 40 हजार की जनसंख्या है.जो महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर बसें है.बीते 8 वर्ष से नगर पंचायत से नगर परिषद की स्थापना से जुड़ा विवाद में याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल है.यह मामला न्याय प्रविष्ठ है.इसी वजह से इन गांवों में इन दिनों प्रशासक राज लागु है स्थानीय लोगों की इसी बात को लेकर आपत्ति है.मामला न्यायप्रविष्ठ होने की वजह से 2014 से यहाँ कोई आम चुनाव नहीं हुआ है.नागरिकों का आरोप है की राज्य सरकार ने बीते 13 वर्षों से केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की विभिन्न योजनाओं को यहाँ बंद कर रखा है जिस वजह से विकास नहीं हो रहा है. 

नागरिकों का कहना है की या तो उन्हें विकास दिया जाये मध्यप्रदेश में शामिल होने की अनुमति ही सरकार दे.