गोंदिया में विदेशी पक्षियों का आगमन; देखने के लिए उमड़ रही पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों की भीड़

गोंदिया: तालाबों के जिले के रूप में पहचाने जाने वाले गोंदिया में सर्दी बढ़ते ही तालाबों पर विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। अर्जुनी मोरगांव तहसील के सिरेगांव बांध, नवेगांव बांध, बुटाई, श्रृंगार बांध, बीड टोला, भुरसी टोला, भिव चुक्ची, माहुरकुड़ा, मोरगांव आदि तालाबों पर ग्रे लैग गूज, पिंटेल यूरेशियन विजन, गडवाल गर्गनी, कॉमन पोचार्ड, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड व्हिसलिंग डक, ये प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। ये विदेशी पक्षियों, पक्षी प्रेमियों और शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
ये पक्षी साइबेरिया, मंगोलिया, अन्य यूरोपीय देशों, हिमालय क्षेत्र से हर साल गोंदिया जिले की विभिन्न तालाबों में आते हैं। वे नवंबर से फरवरी के आसपास इस स्थान पर रहते हैं और जैसे-जैसे गर्मी बढ़ने लगती है ये पक्षी हजारों किलोमीटर का सफर तय करके अपने देश वापस जाते हैं।
अर्जुनी मोरगांव तहसील में बड़ी संख्या में तालाब हैं। इन तालाबों पर बड़ी मात्रा में जैव विविधता संरक्षित है, इसलिए पक्षियों के लिए भोजन सामग्री भी बड़ी मात्रा में उपलब्ध रहती है। इसलिए हर साल सर्दियों में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी यहां आते हैं। लेकिन इस मामले में माहुरकुड़ा तालाब की उपेक्षा होती थी। हर साल यहां प्रवासी पक्षी नहीं आते थे। लेकिन इस साल पहली बार इस तालाब पर बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी दिखे हैं। इस तालाब पर विदेशी जल पक्षियों की चहचहाहट और कलरव पक्षी प्रेमियोंको आकर्षित कर रहे हैं।
खास बात यह है कि इन दिनों विदेशों में बर्फबारी हो रही है। इससे उस स्थान पर पक्षियों को खतरा रहता है। हजारों किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद ठंड का जोर कम होते ही वहां से पक्षी कुछ महीनों के लिए महाराष्ट्र और अन्य राज्यों की ओर पलायन कर जाते हैं। वे फिर अपनी दिशा की ओर बढ़ जाते हैं। गोंदिया जिले में विदेशी पक्षियों का आगमन पक्षी विज्ञानियों के लिए उत्साह का विषय है।

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