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Gondia

Gondia: कब शुरू होगा धान खरीदी केंद्र, किसान कर रहे इंतजार


गोंदिया: जिले के शासकीय धान खरीदी केंद्र दिवाली समाप्त होने जाने के भी शुरू नहीं हुई है. वहीं 8 दिन पुन: धान खरीदी केंद्र शुरू होने की संभावना कम है. जिससे अपनी जरूरत पूर्ण करने के लिए किसानों पर निजी व्यापारियों के दरवाजे खडे होने की नौबत आ गई है. किसानों को हभी भाव की अपेक्षा कम दर न मिले. इसके लिए शासन के माध्यम से जिला मार्केटिंग फेडरेशन और आदिवासी विकास महामंडल के शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर धान खरीदी की जाती है. हर वर्ष दिवाली के पूर्व धान खरीदी की शुरुआत होती है लेकिन इस बार दिवाली निपट जाने के बाद भी शासकीय धान खरीदी केंद्र शुरू नहीं हुए हैं. 

जिससे किसानों की दिवाली अंधेरे में गई. किसान दिवाली के पूर्व हलके प्रजाति वाले धान की कटाई और मिचाई कर उसकी बिक्री कर दिवाली त्यौहार मनाते है. जबकि इस बार केंद्र ही शुरू नहीं होने से किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है. इस बार शासन ने धान को प्रति क्विंटल 2040 रु. हमी भाव घोषित किया है. वहीं निजी व्यापारी इससे कम दर पर धान खरीदी कर रहे हैं. किसान भी अपनी जरूरत के लिए कम दर पर धान की बिक्री करते दिखाई दे रहे हैं. शासन ने इस बार रबी की तरह खरीफ के लिए धान खरीदी का लक्ष निश्चित कर दिया है. जिससे हर एक केंद्र को धान खरीदी का कितना लक्ष दिया जाएगा. इसी की सूची तैयार कर जिला मार्केटिंग फेडरेशन ने मुंबई मुख्यालय को भेजी है. उसे मंजूरी मिलने के बाद धान खरीदी की शुरुआत होगी. जिससे पुन: 8 दिनों तक धान खरीदी केंद्र शुरू होने की आशा कम है. 

80 हजार किसानों ने किया पंजीयन 

शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर धान की बिक्री करने के लिए इस वर्ष से किसानों को शासन के आनलाइन पोर्टल पर पंजीयन करना आवश्यक है . जिले के 80 हजार किसानों ने अब तक आनलाइन पंजीयन किया है. 

गोदाम को हो पंचनामा 

शासकीय धान खरीदी की शुरुआत करने के पूर्व धान खरीदी केंद्र के गोदाम का पंचनामा कर खरीदी केंद्र शुरू करने के पूर्व गोदाम में धान का स्टॉक तो नहीं है इसकी खात्री संबंधित विभाग को कराने की जरूरत है. जिससे धान खरीदी घोटाले पर रोक लग सकेगी. 

धान खरीदी की सीमा कम 

जिले में इस बार रबी मौसम से शासन के धान खरीदी के लिए जिला मार्केटिंग फेडरेशन व आदिवासी विकास महामंडल को धान खरीदी की सीमा बढ़ाकर दी थी. जिससे रबी मौसम की धान की खरीदी में बड़ी गड़बड़ी दिखाई दे रही है. इसी में अब खरीफ में भी धान खरीदी के लिए सीमा बढ़ाकर दी गई है और धान खरीदी बंद होने के एक तरह से संकेत दिए जा रहे हैं. जिससे किसान भी सतर्क हो गए हैं. 

खरीदी के आंकडे रोज देने पड़ेंगे 

जिले में गत वर्ष धान खरीदी के दौराब बड़े पैमाने पर घोटाले हुए थे. किसानों के नाम पर व्यापारियों द्वारा धान खरीदी की गई थी. जिससे इस तरह के प्रकरण पर रोक लगाने के लिए धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी किए गए धान के हर दिन आंकडे व गोदाम के शेष धान का निरीक्षण पटवारी या ग्राम सेवक के माध्यम से करने की मांग की जा रही है.