नक्सलियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग, समर्थन में लगाए बैनर

गोंदिया: पुरानी पेंशन को लेकर राज्य सरकार के करमचियों ने एक हफ्ते तक हड़ताल की थी। करमचियों के इस आंदोलन को राजनेताओं समेत सभी राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया था। कर्मचारियों की इस मांग को अब नक्सलियों का भी समर्थन मिल गया है। नक्सलियों ने कर्मचारियों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए ओपीएस को लागू करने की कमान्ग की है।
रविवार को जिले के आमगाव-सालेकसा मार्गा पर पुरानी पेंशन को समर्थन देते हुए सीपीआई (माओवादी) ने यह पोस्टर लगाया। महाराष्ट्र मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ झोनल (माओवादी) कमेटी के प्रवक्ता अनंत के नाम से लगे इस पोस्टर में सरकारी कर्मचारियों पर मेस्मा लगाने की निंदा की है। बैनर के सामने आते ही खलबली मच गई है।
बैनर में नक्सलियों ने लिखा, “महाराष्ट्र राज्य के सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करो। मेस्मा कानून लाकर कर्मचारियों के आंदोलन का दमन करने वाली शिंदे-फडणवीस सरकार मुर्दाबाद। नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए। ठेकेदारी पद्धत्ति को रद्द करो और जितनी भी खाली जगह है उन्हें तुरंत भरो। सार्वजनिक और उद्योगों का निजीकरण रोकी जाए।" नक्सलियों ने आगे लिखा, “देश के मेहनतकश जनता के आंदोलन को बल के दम पर दबाया जा रहा है।”
मामले की हो रही जांच
उक्त बैनर लगाए जाने की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बैनर को हटा दिया गया। सालेकसा थानाध्यक्ष बोरसे ने बताया कि इस मामले में जांच शुरू कर दी गयी है। इस संबंध में पूछे जाने पर गोंदिया जिला नक्सल प्रकोष्ठ के प्रधान दिनेश तायडे ने बताया कि जांच की जा रही है कि उक्त होर्डिंग खुद नक्सलियों ने लगाया था या किसी ने उकसाने की मंशा से लगाया था।

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