राज्यपाल कोश्यारी की इच्छा को मुनगंटीवार ने बताया आदर्श, कहा- इससे साबित होता है उन्हें पद का लालच नहीं

गोंदिया: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने महाराष्ट्र राज्य के राज्यपाल पद से हटने की इच्छा जताई है। राज्यपाल कोश्यारी के इस निर्णय सत्ता पक्ष सहित विपक्षी दल लगातार अपनी-अपनी बात रख रहे हैं। वहीं इसपर सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राज्यपाल के निर्णय को सराहते हुए कहा कि, इससे साबित होता है कि, राज्यपाल को पद का लालच नहीं है।
ज्ञात हो कि, राज्यपाल ने पद छोड़ने की बात की सार्वजानिक करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र जैसे संतों, समाज सुधारकों और वीरों की महान भूमि का राज्यपाल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। प्रदेश की जनता से तीन वर्ष से अधिक समय तक मिले प्यार और स्नेह को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इसी के साथ उन्होंने कहा कि, “प्रधानमंत्री जी की हाल ही की मुंबई यात्रा के दौरान खुद को राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने और अपना शेष जीवन अध्ययन, ध्यान और चिंतन में बिताने की इच्छा व्यक्त की है।”
मुनगंटीवार ने कहा, "महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक राजनीतिक संत हैं और उन्होंने खुद को पद से मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि वह पद पर बने नहीं रहना चाहते हैं। राज्यपाल की यह भूमिका आदर्श है।" उन्होंने कहा, “अपनी बढ़ती उम्र को देखकर राज्यपाल ने अध्ययन, ध्यान और चिंतन में बिताने के लिए पद से हटने की इच्छा जताई है।”
बिना नाम लिए शरद पवार पर हमला
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का बिना नाम लिए हमला बोलते हुए मुनगंटीवार ने कहा, "आज, कई राजनेता सार्वजनिक कार्यालय से चिपके रहते हैं। मैं और मेरा बेटा, मेरी बेटी, मेरा पोता, मेरा नातू ऐसी राजनीति के बीच राज्यपाल की यह निर्णय बेहद आदर्श है।"

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