राज्य में ज़मीन मापने की प्रक्रिया होगी और तेज़, 132 करोड़ में खरीदे जाएंगे 1200 रोवर्स: अजित पवार
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में भूमि माप प्रक्रिया को और अधिक सटीक, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में भूमि अभिलेख विभाग के लिए 1200 अत्याधुनिक रोवर्स खरीदने की प्रशासनिक मंजूरी दी गई है। इन रोवर्स की कुल लागत 132 करोड़ रुपये तय की गई है। साथ ही महसूल विभाग में चल रहे निर्माण कार्यों के लिए 1600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निधि को भी स्वीकृति दी गई है।
ई-गिनती 2.0 से माप की सटीकता बढ़ी
राज्य में पहले से ही लागू ई-गिनती 2.0 प्रणाली के तहत ज़मीन की माप डिजिटल रूप में की जा रही है। अब रोवर्स के ज़रिए अक्षांश और रेखांश (latitude & longitude) को सटीक रूप से मापा जाएगा, जिससे GIS प्रणाली में डिजिटल नक्शा सीधे अपलोड हो सकेगा।
ज़रूरत है 4000 रोवर्स की
वर्तमान में भूमि अभिलेख विभाग के पास सीमित संसाधन हैं, जबकि कुल आवश्यकता लगभग 4000 रोवर्स की है। पहले चरण में 1200 रोवर्स की खरीदी को मंजूरी दी गई है। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि टेंडर प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?
इस अहम बैठक में महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव ओ.पी. गुप्ता, महसूल विभाग के अपर मुख्य सचिव विकास खारगे, प्रधान सचिव सौरभ विजय, उपमुख्यमंत्री के सचिव राजेश देशमुख सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। पुणे से दूरदृश्य प्रणाली के माध्यम से भूमि अभिलेख संचालक सुहास दिवसे और नोंदणी महानिरीक्षक रविंद्र बिनवडे भी बैठक में शामिल हुए।
तहसीलदारों को मिलें पुलिस जैसी गाड़ियाँ
महसूल मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने सुझाव दिया कि तहसीलदारों को रेती के अवैध उत्खनन स्थलों पर छापे मारने के लिए पुलिस जैसी गाड़ियाँ उपलब्ध कराई जाएं, ताकि कार्रवाई तेज और प्रभावशाली हो सके।
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