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Nagpur

देवेंद्र फडणवीस की बढ़ी मुश्किलें, अदालत में वकील ने माना गलती से चुनावी हलफनामे में जानकारी देना भूले


नागपुर: चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामले में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की मुश्किलें बढ़ सकती है। फडणवीस ने अदालत में माना की अनजाने में 2014 के चुनावी हलफनामे में उनके द्वारा लंबित दो आपराधिक मामलों की जानकारी देना भूल गए थे। मंगलवार को दीवानी अदालत में हलफनामा दायर कर फडणवीस और उनके वकील यह बात कही। अदालत ने दोनों के बयान को रिकॉर्ड करते हुए इस पर सात जून को सुनवाई करेगी। 

वकील की गलती छुटा जानकारी देना 

फडणवीस ने कहा, "उदय डाबले मेरे स्थानीय वकील हैं और मैंने उनसे मेरे खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए कहा था, जिसका उल्लेख मेरे नामांकन पत्र में किया जाना था। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने अनजाने में दो शिकायती मामलों को छोड़ दिया और इसलिए हलफनामे में केवल 22 आपराधिक मामलों का उल्लेख किया जा सका।"

उन्होंने आगे कहा, "जानबूझकर दो महत्वहीन शिकायत मामलों के बारे में जानकारी छिपाने का कोई इरादा नहीं था, और फॉर्म 26 के हलफनामे में उन्हें शामिल नहीं करना सरासर असावधानी थी।" 

चुनावी हलफनामा भरना मेरी जिम्मेदारी है

वहीं इस मामले में फडणवीस के वकील डाबले ने कहा कि. “वह कई मामलों में फडणवीस के वकील रहे हैं। वर्ष 2014 में फडणवीस द्वारा लड़े गए चुनाव में चुनाव फॉर्म भरने की जिम्मेदारी मेरी थी। मैंने फडणवीस के खिलाफ कितने आपराधिक मामले लंबित हैं, इसकी जानकारी जुटाई और चुनाव फॉर्म नंबर 26 में दाखिल की। मैंने 22 मामलों की जानकारी चुनाव फॉर्म में भरी थी। उक्त 22 मामलों के अलावा 2 अन्य निजी मामले भी उसके खिलाफ लंबित थे।”

डाबले ने कहा कि, “चूंकि मैं फडणवीस के खिलाफ सभी मामलों को देख रहा था, उन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मेरे निर्देशों के अनुसार हलफनामे पर हस्ताक्षर किए। न तो मेरी और न ही उनकी जानकारी छिपाने की कोई मंशा थी।”

ज्ञात हो चुनावी हलफनामा छिपाने को लेकर शहर के वकील सतीश युइके ने अदालत ने याचिका दायर की थी। अपनी इस याचिका में उन्होंने उपमुख्यतमंत्री पर अपने दो आपराधिक मामले छुपाने का आरोप लगाया था। याचिका में युइके ने कहा था कि, "नागपुर की दक्षिण-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ते समय उन्होंने 1996 और 1998 में जो धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले दर्ज थे उन्हें छुपाया गया है। युइके माहराष्ट्रा कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के करीबी माना जाता है। फ़िलहाल युइके मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल के अंदर हैं।