नागपूर-बिलासपुर रूट पर लगेगा 'कवच' सिस्टम, SECR ने रेलवे मंडल को भेजा प्रस्ताव

नागपुर: पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग जिले में हुई रेलवे दुर्घटना (Railway Accident) को देखते हुए रेलवे विभाग ने 1500 किलोमीटर रूट पर कवच सिस्टम (Kawach System) लगाने का फैसला किया है। नागपुर-बिलासपुर रूट (Nagpur-Bilaspur Route) पर जल्द ही यह कवच लगाया जाएगा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (South East Central Railway) ने इसको लेकर प्रस्ताव रेलवे मंडल (Railway Department) को भेजा है।
क्या है कवच सिस्टम?
ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए 'कवच' प्रणाली विकसित की गई है। 'कवच' एक स्वचालित (एटीपी) प्रणाली है। इस सिस्टम का कार्य वाहन की गति को नियंत्रित करना है यदि चालक समय पर ब्रेक नहीं लगाता है। यह कवर ड्राइवरों को रेलवे पर खतरे के संकेतों की पहचान करने में मदद करता है। यह कम दृश्यता वाले क्षेत्रों में ड्राइविंग में भी मदद करता है। जिस लाइन पर 'कवच' प्रणाली लागू की जाती है, उस लाइन पर ट्रेन को सुरक्षित गुजारने के लिए पांच किलोमीटर के भीतर सभी ट्रेनों को रोक दिया जाता है।
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन के इंजन के अंदर डिजिटल बोर्ड पर दिए गए निर्देशों का उपयोग करके चालक खतरे के संकेतों को अधिक सटीकता से पढ़ सकता है। मार्च 2022 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशन के बीच लिंगमपल्ली-विकराबाद खंड में दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद डिवीजन पर शेल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।

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