Akola: यूरिया की जमाखोरी कर बाजार में की जा रही कमी, किसानों की शिकायत पर विधायक सावरकर ने की बैठक
अकोला: जिले में यूरिया की कमी देखी जारही है। जिसके कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यूरिया नहीं मिलने के कारण किसानों ने जमाखोरी का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि, जमाखोरी कर जानबूझकर बाजार में यूरिया की कमी पैदा की जा रही है।किसानों की शिकायत पर विधायक रणधीर सावरकर ने कृषि अधिकारी के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
खरीफ का सीजन शुरू हो चुका है। जिले में इस वर्ष देर से बुआई हुई। कुछ इलाकों में भारी बारिश तो कुछ इलाकों में भारी बारिश ने किसान समुदाय को परेशान कर दिया है। किसान खरीफ फसलों की देखभाल के लिए जोर-शोर से जुट गए। यूरिया खाद की मांग बहुत ज्यादा है। किसानों को यूरिया की कृत्रिम कमी का भी सामना करना पड़ रहा है।
अकोला जिले में मांग के अनुसार दो दिनों में 1 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद प्राप्त हुआ है तथा 350 मीट्रिक टन यूरिया खाद का रिजर्व स्टॉक उपलब्ध है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि इससे किसानों को यूरिया खाद की कमी महसूस नहीं होगी। सावरकर ने स्वीकृत उपलब्धता के अनुसार उर्वरक की आपूर्ति नहीं होने पर उर्वरक कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये हैं।
चूंकि किसानों की ओर से यूरिया खाद की कृत्रिम कमी की शिकायतें आ रही हैं, इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए। खरीफ सीजन में किसानों की यूरिया खाद की निरंतर मांग, उर्वरक आपूर्ति एवं यूरिया खाद की मासिक मांग की सावधानीपूर्वक योजना बनाई जाए। सावरकर ने चेतावनी दी कि भ्रष्टाचार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विधायक रणधीर सावरकर ने पुणे के कृषि निदेशक (कृषि इनपुट) से मांग की कि लगभग तीन हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद का स्टॉक तुरंत उपलब्ध कराया जाए ताकि जिले के किसानों को यूरिया खाद की कमी का सामना न करना पड़े। वह स्टॉक जल्द ही उपलब्ध होगा।
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