logo_banner
Breaking
  • ⁕ नक्सल आंदोलन को सबसे बड़ा झटका, पोलित ब्यूरो सदस्य भूपति ने 60 साथियों के साथ किया सरेंडर; 10 करोड़ से ज़्यादा का था इनाम, 16 को CM के सामने डालेंगे हथियार ⁕
  • ⁕ सांसद बलवंत वानखड़े का मुख्यमंत्री को भेजा पत्र, सोयाबीन बिक्री के लिए सरकारी खरीद केंद्र तत्काल शुरू करने की मांग ⁕
  • ⁕ Yavatmal: पुराने विवाद में युवक की चाकू मारकर हत्या, नागपुर रोड पर हिंदू श्मशान घाट के पास हुई घटना ⁕
  • ⁕ Chandrapur: खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने खाद्य तेल फैक्ट्री पर की छापा मारकर कार्रवाई ⁕
  • ⁕ बीआर चोपड़ा की महाभारत में 'कर्ण' का किरदार निभाने वाले अभिनेता पंकज धीर का निधन, कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद दुनिया को कहा अलविदा ⁕
  • ⁕ नागपुर में भाजपा नेताओं ने 'एकला चलो रे' की मांग, मुख्यमंत्री ने कहा- मनमुटाव भूलो और एकजुट होकर लड़ो चुनाव ⁕
  • ⁕ एसटी कर्मियों को दिवाली भेंट: 6,000 बोनस और 12,500 अग्रिम, वेतन बकाया हेतु सरकार 65 करोड़ मासिक फंड देगी ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Nagpur

एक जुलाई से विदर्भ की सभी जंगल सफारी रहेंगी बंद, तीन महीने तक पर्यटक नहीं उठा पाएंगे लुत्फ


नागपुर: बरसात के मौसम और सुरक्षा कारणों से विदर्भ के सभी जंगल सफारी बंद रहेंगी। इस साल सफारी सिर्फ 30 जून तक ही उपलब्ध रहेगी। 1 जुलाई से सितंबर के अंत तक जंगल सफारी बंद रहेगी। अब तीन महीने तक पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ़ नहीं उठा पाएंगे। प्रभावित प्रमुख बाघ अभयारण्यों में पेंच टाइगर रिजर्व, उमरेड करहंडला, बोर टाइगर रिजर्व, नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व और ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व शामिल हैं।

यह निर्णय जंगल भ्रमण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सड़कों की स्थिति के कारण लिया गया है। ये सड़कें कच्ची और मिट्टी से बनी हैं। बारिश के दौरान, वे बहुत कीचड़युक्त हो जाती हैं। नतीजतन, जीप और अन्य वाहन फंस जाते हैं, जिससे पर्यटकों के लिए परेशानी और असुरक्षित स्थिति पैदा हो जाती है। इन कारणों को ध्यान में रखते हुए, मानसून के मौसम में जंगल भ्रमण बंद कर दिए जाते हैं।

इसके अलावा, बरसात का मौसम जंगलों में विकास कार्यों का समय होता है। इसमें खाली जगहों पर पौधे लगाना और अत्यधिक लंबी घास को काटना शामिल है। मानसून का मौसम वन्यजीवों की आबादी की वृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।