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एंटी रेबीज वैक्सीनेशन अभियान: नागपुर में अबतक 20 हजार से अधिक आवारा श्वानों का हुआ टीकाकरण


नागपुर: आज एंटी रेबीज दिवस के अवसर पर नागपुर में जिला पशु चिकित्सा सर्व चिकित्सालय, नागपुर नगर निगम और वरिष्ठ पशु चिकित्सा प्रतिष्ठान के सहयोग से रेबीज टीकाकरण और नसबंदी सर्जरी शिविर का आयोजन किया गया. महाराज बाग रोड स्थित जिला पशु चिकित्सालय में श्वान व पशु प्रेमियों ने इस निःशुल्क रेबीज टीकाकरण एवं नसबंदी सर्जरी शिविर में भाग लिया.

नागपुर में आवारा श्वान एक बड़ी समस्या है. ये चर्चा के केंद्र में भी है. नागपुर महानगर पालिका के मुताबिक वो लगातार श्वानो पर एंटी रेबीज वैक्सीनेशन अभियान चला रही है. इस वर्ष के एक सितंबर से शुरू किये गए अभियान के अंतर्गत 20 हजार से अधिक आवारा श्वानो का वैक्सीनेशन किया गया है. 

महानगर पालिका के उपायुक्त डॉ गजेंद्र महल्ले ने बताया कि रेबीज जानलेवा बीमारी है और इसकी वजह से देश में करीब 20 हजार लोगों की मृत्यु होती है. सबसे अधिक मामले श्वानो के काटने की वजह से होते हैं. इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा जरिया वैक्सीनेशन है. 

महल्ले ने बताया कि रेबीज को लेकर जो समझ है उसमें अगर इस बीमारी के लक्षण मानवी शरीर के मस्तिष्क में चला जाये तो यह 100 फीसदी घातक है. इसलिए जरुरी है कि घरेलु या आवारा श्वानों के कांटने के बाद वैक्सीनेशन लिया जाए. उन्होंने बताया कि रेबीज बीमारी के नियंत्रण के लिए जानवरों का भी वैक्सीनेशन किया जाता है. नागपुर में इसके लिए खास अभियान शुरू है, जिसके अंतर्गत अब तक 20 हजार से अधिक आवारा श्वानों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है. 

उन्होंने बताया कि रेबीज खतरनाक बीमारी है, इसलिए इसके बचाव के लिए जागरूक रहना भी जरुरी है. कई मामलों में ये बीमारी सिर्फ श्वानों के कांटने से नहीं बल्कि उनके मानवी शरीर को चाटने से भी हो सकती है. रेबीज को लेकर भारत चिंता करने वाला देश है क्यूंकि एशिया क्षेत्र में इस बीमारी से होने वाली मौतों में 65 % मृत्यु भारत में होती है.