हाईकोर्ट से डॉ. शुभाष चौधरी को बड़ा झटका, निलंबन की याचिका पर रोक लगाने से किया इनकार
नागपुर: राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति को उच्च न्यायालय से झटका लगा है। अदालत ने कुलपति पद से निलंबित करने सहित जाँच पर रोक लगाने की मांग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसी के साथ अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया।
ज्ञात हो कि, राज्यपाल रमेश बैस ने शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करते हुए 21 फ़रवरी को डॉ. चौधरी को नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पद से निलंबित कर दिया था। इसी के साथ राज्यपाल ने शिकायतों पर जाँच समिति भी बना दिया था। साथ ही, गोंडवाना विश्वविद्यालय, गढ़चिरौली के कुलपति डॉ. प्रशांत बोकारे को नागपुर विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
फैसले के खिलाफ चौधरी ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने राज्यपाल पर सही से निर्णय नहीं देने का आरोप लगाया है। सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने डॉ. चौधरी को झटका देते हुए निलंबन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसी के साथ अदालत ने अपना फैसला भी सुरक्षित रख लिया।
क्या लगे थे आरोप?
चौधरी के खिलाफ कई आरोप लगे थे। जिसमें तमाम शिकायतों के बावजूद ब्लॉक लिस्टेड एमकेसीएल को परीक्षा आयोजित करने का अधिकार देना, बिना टेंडर के विभिन्न कार्यों का ठेका देने, जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. धर्मेश धावनकर को समर्थन करना सहित यांत्रिक अभियांत्रिकी के डॉ. प्रशांत कडु इंटरफैकल्टी डीन बनाना शामिल था।
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