सुधीर मुनगंटीवार को बड़ा झटका, केंद्रीय वन सलाहकार समिति ने ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के प्रस्ताव को किया ख़ारिज
चंद्रपुर: राज्य के पर्यावरण और सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय वन सलाहकार समिति ने राजुरा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है। इसी के समिति ने कहा कि, जो जगह हवाई अड्डे के लिए चिन्हित की गई है वह वन्यजीवों के रहने के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। बीते कई वर्षो से मुनगंटीवार जिले में एयरपोर्ट स्थापित करने में लगे हुए हैं। वहीं समिति द्वारा प्रस्ताव ख़ारिज होना उनके लिए बड़ा झटका माना जारहा है।
वन सलाहकार समिति केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की एक वैधानिक संस्था है। चंद्रपुर जिले में प्रस्तावित हवाई अड्डे के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समिति की 7 जुलाई को बैठक हुई। इस बैठक में कमेटी ने एयरपोर्ट के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के अधिकारियों ने कमेटी के सामने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने की काफी कोशिश की, लेकिन कमेटी ने उनकी दलील नहीं मानी। समिति ने तर्क दिया कि हवाई अड्डे के लिए प्रस्तावित स्थल एक महत्वपूर्ण वन्यजीव निवास स्थान है और यहां हवाई अड्डे के निर्माण से मानव हस्तक्षेप बढ़ जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि राज्य के वन मंत्री और चंद्रपुर जिले के संरक्षक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार कई वर्षों से चंद्रपुर जिले में एक हवाई अड्डे के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। लंबी कोशिशों के बाद उन्होंने हवाई अड्डे के लिए विहिरगांव-मूर्ति के पास राजुरा तालुका में जमीन की पहचान की थी। इस प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए 63 हजार हेक्टेयर से अधिक वन भूमि को डायवर्ट करने की आवश्यकता है।
हालाँकि, जिस क्षेत्र में यह हवाई अड्डा प्रस्तावित है वह बाघों और अन्य जंगली जानवरों का घर है। साथ ही, जिले में नवनिर्मित कन्हलगांव अभयारण्य हवाई अड्डे के प्रस्तावित स्थल के करीब है। समिति ने इस आधार पर रिपोर्ट को खारिज कर दिया कि हवाईअड्डा क्षेत्र में बाघों के प्राकृतिक गलियारों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
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