सुनील केदार को बड़ा झटका, राज्य चुनाव समिति से किया गया बाहर

नागपुर: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार को कांग्रेस पार्टी ने बड़ा झटका दिया है। केदार को राज्य चुनाव समन्वय समिति से बाहर कर दिया गया है। केदार के साथ विजय वडेट्टीवार को भी समिति के बाहर का रास्ता दिखाया गया है। सबसे महत्वपूर्ण इस समिति में ऐसे लोगों को रखा गया है, जिन्होंने अभी तक नगर परिषद् तक का चुनाव नहीं लड़ा है।
केदार के नेतृत्व में जिले में कांग्रेस को मिली जीत
2019 के बाद से जिले के अंदर जितने भी चुनाव हुआ उसे केदार के नेतृत्व में लड़ा गाय। जिला परिषद, पांच दशक में तक भाजपा के पास रहने वाली विधान परिषद की स्नातक सीट हो या शिक्षक सीट उसे भाजपा से छीनकर कांग्रेस के खाते में डाली। इसी के साथ नागपूर कृषी उत्पन्न बाजार समिती में केदार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था। इसमें भी कांग्रेस ने परचम लहराया। सभी चुनावों में मिली जीत के बावजूद उन्हें समिति से बाहर किये जाने पर आश्चर्य जताया जा रहा है।
नाना-केदार के बीच चल रही कोल्ड वॉर
सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि क्या प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और सुनील केदार के बीच चल रहे कोल्ड वॉर की वजह से ऐसा हुआ। महाविकास अघाड़ी की वज्रमूठ बैठक रविवार को नागपुर में हो रही है। केदार को योजना बनाने और इस बैठक को सफल बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें चुनाव समिति से बाहर रखा गया।
17 सदस्य समिति का गठन
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चुनाव समन्वय समिति का गठन किया है। 17 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले हैं। सदस्यों में विधायक कांग्रेस पार्टी के नेता बालासाहेब थोराट, पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे, पृथ्वीराज चव्हाण,अशोक चव्हाण के साथ पूर्व मंत्री डॉ. नितिन राउत, यशोमति ठाकुर, विधान परिषद के ग्रुप लीडर सतेज पाटिल, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान, बसवराज शामिल हैं। पाटिल, विधायक प्रणीति शिंदे, कुणाल पाटिल, प्रदेश कोषाध्यक्ष अमरजीत मन्हास, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष संध्या सावलखे, प्रदेश महासचिव देवानंद पवार और प्रमोद मोरे शामिल हैं।

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