Nagpur: पैसे बचने के लिए आम कचरे में फेंका बायो मेडिकल वेस्ट! मनपा ने शुरू की जांच
नागपुर: घरों से निकलने वाले सामान्य कचरे के साथ अस्पतालों के निकलने वाले कचरे को भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड में डम्प किये जाने का सनसनीखेज मामला फिर सामने आया है। मामला सामने आने के बाद मनपा में हड़कम मच गया। आनन्-फानन में मनपा अधिकारी और महाराष्ट्र प्रदूषण नियामक मंडल मौके पर पहुंचे और पंचनामा किया। इसी के साथ जिस ड्राइवर ने कचरे को डंप किया था उसका बयान दर्ज किया गया है। इस घटना के आने के बाद अस्पताल प्रबंधको द्वारा पैसे बचने के लिए यह किए जाने की चर्चा शुरू हो गई है।
अलग प्रक्रिया से किया था नष्ट
अस्पतालों से निकलने वाला जैविक कचरा न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि इंसानों के लिए भी खतरनाक होता है। इसलिए इसको प्रक्रिया के तहत नस्ट किया जाता है। बावजूद इसके कई बार यह शिकायत सामने आ चुकी है की सामान्य कचरे के नाम पर इस घातक कचरे को डंपिंग यार्ड में डंप किया गया।
पैसे बचने के लिए आम कचरे में फेंका बायो वेस्ट!
जैविक कचरा घातक होता है इसलिए अस्पतालों से निकलने वाले कचरे को वर्गीकृत किया गया है। अलग-अलग रंग की थैलियों में अस्पतालों से विभिन्न तरह का कचरा निकाला जाता है। काले रंग की थैली में सामान्य कचरा, लाल रंग की थैली में घातक कचरा और पीले रंग की थैली में कम खतरनाक कचरा इस तरह का कचरे का वर्गीकरण किया गया है। घातक कचरे के कलेक्शन और उसे नष्ट किये जाने की प्रक्रिया के लिए अस्पतालों को महानगर पालिका को चार्ज देना होता है। बुधवार को भांडेवाड़ी में जो खतरनाक कचरा मिला है वो काली थैली में था यानि स्पस्ट है की अस्पतालों ने बायोमेडिकल वेस्ट का चार्ज बचाने के लिए ऐसा किया होगा।
अस्पतालों और अधिकारियों की मिलीभगत
जिन कार्यकर्ताओ ने इस मामले को उजागर किया है उनका आरोप है की ऐसा अधिकारियों, अस्पतालों और कचरा संकलन करने वाली कंपनियों की मिलीभगत से चल रहा है। इस कचरे को जिस वाहन के माध्यम से डंपिंग यार्ड में लाया गया था। वहीं इस मामले में मनपा कचरा वाहन ड्राइवर ने बयान दर्ज कराते हुए शहर के कई निजी और सरकारी अस्पतालों से यह कचरा संकलित किये जाने की जानकारी दी है।
मनपा अधिकारियों ने बोलने से किया इनकार
इस मामले की नागपुर महानगर पालिका और महाराष्ट्र प्रदूषण नियामक मंडल को शिकायत की गयी। जिसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया गया। महानगर पालिका ने इस मामले को लेकर जांच कराये जाने की बात कही है। हालांकि किसी भी अधिकारी ने इस मामले में कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार किया है।
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