Brahmos Missile Case: वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा, ISI को सौंपें थे गुप्त दस्तावेज

नागपुर: बहुचर्चित ब्रह्मोस मिसाइल मामले में वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. आरोपी निशांत अग्रवाल को सरकारी गोपनीयता अधिनियम की धारा तीन और पांच के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. अग्रवाल पर पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई और अमेरिकी खुफिया एजेंसी को सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में संवेदनशील गोपनीय जानकारी मुहैया कराने का आरोप है।
नागपुर ज़िला सत्र अदालत ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए ब्रह्मोस एयरोस्पेस की नागपुर इकाई के एक इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्र क़ैद की सजा सुनाई है. सोमवार को सत्र अदालत ने लंबी सुनवाई चली. जिसके बाद न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फ़ैसला सुनाया।
सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत हनी ट्रैप में फंस गया वह फेसबुक पर पाकिस्तानी महिला मित्रों के साथ डीआरडीओ की जानकारी साझा कर रहा था। यह जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अमेरिकी खुफिया एजेंसी को दी गई। इसकी गुप्त सूचना मिलने के बाद उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र एटीएस ने करवाई कर नागपुर से निशांत को हिरासत में लिया. निशांत के पास से जब्त लैपटॉप में मिसाइल तकनीक से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज मिले हैं. संयुक्त टीमों ने निशांत के रुडकी स्थित घर, ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट और नागपुर स्थित घर की भी तलाशी ली।
निशांत नागपुर के उज्वलनगर इलाके में मनोहर काले के घर पर किराए पर रह रहा था। निशांत उत्तराखंड के रूड़की के रहने वाला था. वह कुरूक्षेत्र के एनआईटी से पासआउट हैं। वह चार साल से ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट में काम कर रहा था। इस बीच वह ISI के संपर्क में आया और गोपनीय जानकारी देने लगा. जिसके बाद से ही एटीएस ने उसे हिरासत में लिया।

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