गरीब कैदियों की केंद्र सरकार करेगी आर्थिक मदद, समाज की मुख्य धारा जोड़ने के लिए शुरू की योजना
नागपुर: सामाजिक दृष्टि से वंचित, कम शिक्षित या फिर आर्थिक तंगी से जूझ रहे जेल में बंद वे कैदी जो खुद की जमानत तक नहीं ले पा रहे हैं उनके लिए केंद्र सरकार ने प्रभावी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अब ऐसे कैदियों को आर्थिक मदद देगी जो पैसे की कमी के कारण जुर्माने की राशि नहीं चुका पाने की वजह से जमानत या जेल से रिहा होने में असमर्थ हैं। साथ ही केंद्र सरकार उन्हें न्याय दिलाने में भी सहयोग करेगी।
केंद्र सरकार के गृह सचिव ने हाल ही में एक परिपत्रक जारी किया है इसके मुताबिक आर्थिक समस्या के चलते जमानत नहीं ले पाने वाले कैदी, कम शिक्षित और कम आर्थिक स्थिति वाले कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
इस योजना के तहत ऐसे कैदियों की जमानत के लिए ‘जिला अधिकार प्राप्त समिति’ का गठन किया जाएगा। जिलाधिकारी इस समिति के अध्यक्ष रहेंगे। समिति से जुड़ी जानकारी के संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है। योजना को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए अधिकार प्राप्त समिति भी बनाई गई है।
नागपुर जेल में दोगुनी कैदी
वर्तमान में नागपुर जेल में 15 से 20% कैदियों की क्षमता इस योजना के लागू हो जाने के बाद कम होगी। जो जुर्माने की रकम नहीं भर पाने के कारण जेल में बंद पड़े हैं, सूत्रों की माने तो वर्ष 1864 में बनी नागपुर जेल में 1940 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन वर्तमान समय में दोगुनी कैदी नागपुर की जेल में बंद है।
नागपुर में भी समिति का होगा गठन
इस योजना के अमल में आ जाने के बाद नागपुर जेल में कैदियों का बोझ काफी हद तक कम होने का अनुमान जेल अधिकारियों ने लगाया है। राज्य शासन के निर्णय के अनुसार अब नागपुर में भी 'जिलाधिकार प्राप्त समिति’ का गठन किया जाएगा। यह समिति उन कैदियों के बारे में पता लगाएगी जो जमानत के लिए बकाया चुकाने में असमर्थ हैं या वित्तीय बाधाओं के कारण जमानत नहीं ले सकते हैं। गरीब कैदियों को उनका बकाया चुकाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी, फिर उन्हें जमानत के लिए मौका मिल सकेगा, साथ ही इस योजना के तहत केंद्र सरकार उन कैदियों को न्याय दिलाने में भी सहयोग करने वाली है।
admin
News Admin