कैदियों को मुख्यधारा में लाने सेन्ट्रल जेल का विशेष उपक्रम, गलाभेंट के माध्यम से परिजनों से मिले कैदी

नागपुर: महाराष्ट्र दिन के अवसर पर राज्य भर की जेलों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इसी के तहत नागपुर में गला भेट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन के तहत जेल में बंद ऐसे कैदी जिनके बच्चों की उम्र 16 वर्ष से कम है उन्हें उनसे मिलने का मौका दिया गया। अपनों को अपने पास पाकर कैदी और उनके बच्चें दोनों की ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
नागपुर सेंट्रल जेल में शनिवार का दिन भावुकता से भरा रहा। लंबे समय से जेल में बंद कैदियों को आज अपने बच्चो को सीने से लगाने का मौका मिला। अपनों को अपने करीब पा कर कैदियों के साथ ही उनके नाबालिक बच्चो की आखे ख़ुशी से ग़मगीन हो गयी। आज नागपुर जेल में गला भेट का कार्यक्रम है। इसमें शरीक होने के लिए अलग अलग शहरों में बसे कैदियों के परिजन अपने बच्चो के साथ जेल में अपने कैदी साथी से मिले। इनमे दूध मुहे बच्चे के साथ नाबालिग किशोर-किशोरिया भी शामिल है।
बच्चों को देख भावुक हुए कैदी
कैदी भी अपने बच्चो से मिल खुद के आसु रोक ना पाए. कैदियों ने बच्चो को अपनी गोद में बैठाकर ढेर सारी बाते की और अपने हाथो से खाना भी खिलाया। बता दे कि, महाराष्ट्र दिन के अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी मध्यवर्ती कारागृह में गला भेट का आयोजन किया गया है। पहल के जरिये नागपुर जेल में बंद 258 कैदियों ने अपने बच्चो को सीने से लगाया। इस पहल का असल मक़सद कैदियों को मुख्यधारा में लाना होता है. ताकि वह जुल्म की राह को छोड़ अपने गृहस्थ जीवन की नैतिक जिम्मेदारी निभा सके।

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