शहर के API शिवाजी ननावरे ने रचा इतिहास, दुनिया की पांचवें नंबर की चोटी माउंट मकालू को किया फतेह

नागपुर: दृढ़ इच्छा शक्ति और बुलंद हौसलों के चलते किसी भी नामुमकिन काम को पूरा किया जा सकता है. ऐसा ही एक कारनामा करके दिखाया है. नागपुर पुलिस दल में कार्यरत असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर शिवाजी ननावरे ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह करने के बाद दुनिया की पांचवें नंबर की चोटी माउंट मकालू को भी फतेह करने का कारनामा कर दिखाया है. उनके इस कारनामे की महाराष्ट्र पुलिस दल में भी चर्चा हो रही है.
बचपन से ही कुछ अलग कर दिखाने की चाहत लिए शिवाजी ननावरे साल 2013 में पीएसआई के रूप में महाराष्ट्र पुलिस दल में शामिल हुए थे. शिवाजी सोलापुर के करमाला के रहने वाले हैं. उनके पिता खेती-बाड़ी का काम करते हैं. पहली पोस्टिंग ही गडचिरोली जैसे दुर्गम इलाके में हुई थी.
सुरजागढ़ की चढ़ाई में सामान का पिट्ठू लेकर चंद मिनट में ही शिवाजी पहाड़ी के ऊपर पहुंच जाते थे. तभी दोस्तों ने उन्हें माउंट एवरेस्ट फतेह करने की नसीहत दे डाली. दोस्तों की हंसी में दी गई नसीहत को हालांकि शिवाजी ने गंभीरता से ले लिया था.
गडचिरोली से साल 2017 में पुणे ग्रामीण में ट्रांसफर मिलने के बाद माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए 28 दिन की ट्रेनिंग उन्होंने मनाली में ली थी. दोस्त की मजाक में कही गई बात को सच करने के लिए माउंट एवरेस्ट को फतेह करने के लिए निकल गए.
मई 2023 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को 52 दिनों की चढ़ाई के बाद शिवाजी ननावरे ने फतेह किया था. महाराष्ट्र पुलिस का झंडा इससे पहले इस चोटी पर संभाजी गुरव और रफीक शेख फहरा चुके थे. इस कामगिरी के बाद शिवाजी का नाम भी उन जवानों में शुमार हो गया है.

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