चना और अरहर की बुआई कम होने के बावजूद बाजार में बढ़ी कीमत, पिछले वर्ष की तुलना में उच्चतम दाम, किसानों में खुशी
नागपुर: इस साल जिले में चना और अरहर की बुआई बहुत कम मात्रा में हुई है और किसानों का रूझान कपास की ओर होने के कारण, चना और अरहर की खेती कम होने के बावजूद भी बाजार में इसकी कीमत बढ़ी है. इससे किसानों में खुशी का माहौल है.
पिछले 2 से 3 सालों में अचानक मानसून आने से कई फसलों को नुकसान हुआ है. इसका मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं मिला है. इस साल जब किसानों ने खेतों में चना, कपास, मिर्च और अन्य फसलें लगाईं, तो इस साल भी बेमौसम बारिश ने सब बर्बाद कर दिया.
हालांकि इस साल चना और अरहर की फसल का उत्पादन कपास की तुलना में कम है, लेकिन इस साल इनकी कीमत बढ़ने से किसान खुश हैं. बाजार में चना, अरहर की फसल की बिक्री भी आधी है और इसकी कीमत भी बढ़ी है.
इस बीच, व्यापारी और बाजार विक्रेता अभी भी कह रहे हैं कि चने की कीमत 6,000 से ऊपर है और तुअर की कीमत बढ़ने की संभावना है. इसलिए, जिले में पिछले कुछ वर्षों की तुलना में, इस वर्ष बाजार में चना और तुअर उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.
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