बाजार समिति चुनाव परिणाम को लोकसभा और विधानसभा से न जोड़े: चंद्रशेखर बावनकुले

नागपुर: राज्य भर में हुए 147 बाजार चुनाव समितियों के परिणाम आगये हैं। इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी समर्थित पैनल को बड़ी जीत हासिल की है। वहीं सत्ता में काबिज शिंदे-फडणवीस को झटका लगा है। विपक्षी नेताओं द्वारा इस चुनाव परिणाम को लोकसभा चुनाव के पहले मोदी सरकार के प्रति जनता का मिजाज बता रहे हैं। वहीं इस दावे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, "बाजार समिति चुनाव परिणाम को लोकसभा और विधानसभा से न जोड़े। सभी की स्थिति अलग-अलग होती है।"
शनिवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए बावनकुले ने कहा, “बाजार समिति के चुनाव पार्टी के बैनर तले नहीं होते हैं। तहसील में हर पार्टी के कर्यकर्ता जो अच्छे काम करते वह एक साथ आते हैं और यह चुनाव लड़ते हैं।” उन्होंने कहा, "आज आए परिणाम में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जीत मिली है, वहीं कई जगहों पर राष्टवादी कांग्रेस को भी जीत मिली है। अभी महाविकास अघाड़ी के नाम को लेकर लोग पटाखे फोड़ रहे हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। यह किसानों के विकास के लिए बने पैनलों का चुनाव है और उन्हें जीत मिली है।"
लोकसभा चुनाव पर परिणाम का असर पड़ने के सवाल पर पटोले ने कहा, "बजार समिति के चुनाव का लोकसभा, विधानसभा सहित किसी भी चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। किसी का किसी चुनाव पर असर नहीं पड़ता। हर चुनाव की स्थिति अलग होती है। हमने देखा है जब एक साथ दो चुनाव होते हैं तो एक ही मतदाता लोकसभा में किसी और और राज्य के चुनाव में किसी और को वोट करता है।"
सरकार ने नियम बदल कर किसानों का किया भला
बावनकुले ने कहा कि, “पहले के नियम की बात करें तो कोई किसान चुनाव नहीं लड़ सकता था। चुनाव वही लड़ेगा जो ग्राम पंचायत सदस्य हो या सहकर समिति में सदस्य हो। लेकिन सरकार के बदलने नियम के अनुसार, अब किसान भी बाजार समिति का चुनाव लड़ सकता है। इसलिए सरकार ने जो अब नियम तय किये हैं वह किसान के हितैषी है।”

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