पद्मश्री मिलने के पास पहली बार नागपुर पहुंचे डॉ. खुणे, जीरो माइल यूथ फाउंडेशन ने किया सत्कार

नागपुर: झाड़ीपट्टी रंगभूमि के विख्यात कलाकार "झाड़ीपट्टी के दादा कोंडके" के रूप में जाने जाने वाले डॉ. परशुराम खुने को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया। पद्म श्री मिलने के बाद डॉ. खुणे शुक्रवार को पहली बार नागपुर पहुंचे। जहां जीरो माइल यूथ फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत और अभिनंदन किया।
डॉ परशुराम गढ़चिरौली जिले के कुरखेड़ा तहसील के गुरनोली के निवासी हैं। उवह पिछले 50 वर्षों से झाड़ीपट्टी रंगभूमि के विख्यात कलाकार हैं। उन्होंने कला (नाटक) के क्षेत्र में 5000 से अधिक नाटकों में 800 विभिन्न भूमिकाएँ निभाई हैं। उनकी कला है ही योगदान रहे जो उन्हें "झाड़ीपट्टी के दादा कोंडके" कहा जाने लगा। कलाकार के साथ वह राजनेता भी रहे। वह अपने गांव में 15 साल सरपंच और पांच साल उपसरपंच रहे।
झाड़ीपट्टी प्रशंषको को पुरस्कार समर्पित
इस कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ. खुणे ने पद्मश्री पुरस्कार झाड़ीपट्टी के प्रशंषको को समर्पित किया। इसी के साथ उन्होंने अपनी यात्रा, नाटकों की रोचक कहानियां और झाडिपट्टी थिएटर के बारे में जानकारी दी। इस दौरान भव बावनकर, श्रीमती तृप्ति गिर्हे, डॉ. सौरभ निमकर, डॉ. किशोर नैतम, डॉ. सुशांत चिमनकर, डॉ. सौरभ मोहोद, नागपुर विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य सुनील फड़के और डॉ. किशोर इंगले आदि मौजूद रहे।

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