राज्य में बिजली संकट! महानिमित्रि के पास केवल 15 दिनों का कोयला शेष

नागपुर: महानिर्मिति की स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 13 हजार 152 मेगावाट है। उसमें कोयला आधारित थर्मल पावर की हिस्सेदारी करीब 9 हजार 540 मेगावाट है। फिलहाल कंपनी के थर्मल पावर जेनरेशन प्लांट से औसतन 7 से 8 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस बीच, केवल 15 दिनों के कोयले के स्टॉक ने चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि राज्य में बिजली की मांग बढ़ रही है।
17 अप्रैल 2024 को महानिमित्री के पास 21 लाख 30 हजार 547 मीट्रिक टन कोयला (15 दिन) था। केंद्रीय ऊर्जा आयोग का मानदंड है कि अधिकतम बिजली मांग में यह रिजर्व कम से कम 22 दिन का होना चाहिए। लेकिन उससे भी कम स्टॉक है।
पिछले वर्ष 17 अप्रैल 2023 को महानिरीमती के पास 17 लाख 14 हजार 934 मीट्रिक टन (12 दिन) कोयले का स्टॉक था। इसमें कोराडी परियोजना में 23 दिन, खापरखेड़ा में 22 दिन, चंद्रपुर परियोजना में 16 दिन का रिजर्व शामिल था। लेकिन नासिक परियोजना में डेढ़ दिन, भुसावल में डेढ़ दिन, पारस में 2 दिन और परली में 3 दिन के लिए पर्याप्त स्टॉक था।
यह एक खतरनाक स्थिति थी। लेकिन अब अप्रैल 2024 में चंद्रपुर में 14 दिन, कोराडी में 25 दिन, खापरखेड़ा में 10 दिन, नासिक में 8 दिन, भुसावल में 24 दिन, पारस में 15 दिन, परली में 15 दिन के लिए पर्याप्त स्टॉक है। इसलिए पिछले साल से स्थिति में सुधार हुआ है।

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