Ganesh Utsav 2023: धूमधाम से भक्तों ने दी बाप्पा को विदाई, कृत्रिम तालाबों पर नागरिकों की भीड़
नागपुर: 10 दिन तक धूमधाम से बाप्पा की पूजा अर्चना करने के बाद आज अनंत चतुर्दशी के मौके पर भक्तो ने धूमधाम और ढोल-नगाड़ो के साथ बाप्पा का विसर्जन किया गया। आज सुबह से ही शहर के विभिन्न हिस्सों में गणेश मंडल गणेश विसर्जन की तैयारी में लगे हुए थे, जबकि गणेश विसर्जन दोपहर में शुरू हुआ।
तालाबों में विसर्जन पर लगी रोक
महानगर पालिका ने शुक्रवारी झील, फुटाला झील, नाइक झील, सक्करदरा झील, सोनेगांव झील में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसलिए इस क्षेत्र में कृत्रिम टैंकों की व्यवस्था की गई है। नागपुर में 211 विसर्जन स्थलों पर 413 कृत्रिम टैंकों की व्यवस्था की गई है जहाँ भक्तो ने बाप्पा को विसर्जित किया।
भक्तों ने डेढ़ दिन, तीन दिन, पांच दिन और सात दिन तक भगवान गणेश का विसर्जन किया. नगर निगम द्वारा सभी झीलों को सुव्यवस्थित किया गया। भगवान गणेश विसर्जन के डेढ़ से सात दिनों के लिए उपलब्ध कराए गए कृत्रिम तालाबों में 7177 मूर्तियों का विसर्जन किया गया है। नौ और 10 दिवसीय भगवान गणेश का विसर्जन कुल 413 कृत्रिम तालाबों, 394 स्थायी और 19 घूमने वाले तालाबों में किया गया था। इन सभी निस्तारण स्थलों पर स्वच्छ संग्रहण के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।
कोराडी स्थित तालाबों में बड़े मूर्तियों का विसर्जन
मनपा ने शहर के अंदर बड़ी मूर्तियों के विसर्जन के लिए कोराडी स्थित कृत्रिम तालाब बनाया गया है। इसके तहत शहर के अंदर चार फिट ऊँची सभी मूर्ति यहाँ विसर्जित की जाएगी। मूर्तियों के विसर्जन के लिए तालाब के किनारों क्रेन भी लगाई गई है। दोपहर के बाद से तालाबों पर मूर्तियों का विसर्जन शुरू हो गया है।
पांच हजार पुलिसकर्मियों की व्यवस्था
गणेश विसर्जन के लिए पुलिस की अच्छी व्यवस्था की गई थी. इस काम के लिए 5000 पुलिसकर्मियों का बेड़ा तैनात किया गया था. इसमें राज्य रिजर्व पुलिस बल की दो इकाइयां, 1200 होम गार्ड शामिल थे। इसके अलावा छह ड्रोन से नजर रखी जा रही थी.
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