तलाक के मामलों में हो रही वृद्धि, दो साल में रजिस्टर हुए 6 हजार से अधिक केस
नागपुर: आज कल के समय में विवाह संबंधों की कलह की बातें आम हो गई हैं. पति पत्नी के रिश्तों लगातार खटास आने बाद अलग होने के मामले लगभग रोज ही देखने को मिलते हैं. इसके चलते पारिवारिक कलह और तलाक के मामलो में इजाफा देखने को मिल रहा है.
नागपुर फॅमिली कोर्ट से प्राप्त आकड़ों के अनुसार, जनवरी 2021 से मई 2023 के बीच करीब साढ़े छह हजार तलाक के केस रजिस्टरड हुए हैं. इनमें छह हजार जोड़ों के तलाक मंजूर किए गए हैं. सुचना के अधिकार कानून के तहत यह जानकारी सामने आई है.
मुख्यतः पश्चमी प्रभाव, आधुनिक सोच, स्वतंत्र रूप से जीने की चाहत, संयुक्त परिवार प्रणाली से कम होता लगाव और कई अन्य कारणों से पति-पत्नी द्वारा तलाक लेने और आपसी सहमति से अलग होने की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने इस संबंध में फैमिली कोर्ट से तलाक, आपसी सहमति से तलाक समेत कई मुद्दों पर जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में सूचना अधिकारियों ने बताया कि 1 जनवरी 2021 से 31 मई 2023 तक के दौरान तलाक के कुल 6416 तलाक के केस रजिस्टर हुए हैं.
यदि वर्ष वार देखा जाए तो साल 2021 में 2624, 2022 में 2783, और 31 मई 2023 तक 1009 जोड़ों ने तलाक की अर्जी दी. इनमें से 6 हजार मामलों का निपटारा कर तलाक मंजूर किए गए है.
सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने बताया, “आज कल के दौर में कपल्स में लड़ाई-झगड़े होना काफी आम है. कहा जाता है कि नाराजगी और झगड़ों की वजह से रिश्ते में प्यार बरकरार रहता है. लेकिन कई बार ये मनमुटाव इतना बढ़ जाता है कि लोग शादी को खत्म करने का फैसला करते हैं. इस तरह के विवाद खासकर नए दंपत्तियों में अधिक देखने को मिल रहे है.”
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