Nagpur: कॉन्क्रीट के जंगल से पेड़ हुए कमजोर, हल्की हवा से हो रहे धराशाही; कैसे बचेगा ग्रीन सिटी?

नागपुर: नागपुर (Nagpur News) में पेड़ो के गिरने की संख्या और घटनाये दोनों बढ़ रही है. हालही में आंधी के साथ आयी बारिश में 24 घंटे के भीतर शहर भर में 21 पेड़ गिरे और कई पेड़ों की टहनियाँ टूटी। शहर में हो रहे विकास कार्यो के चलते हमारे पेड़ों का दम घुट रहा है ऐसे में जरुरी है खास तौर से पेड़ो को बचाने का अभियान चलाकर पेड़ो की जिंदगी को बचाया जाये।।
एक तरह नागपुर विकास की रफ़्तार को पकड़ने के लिए कदमताल कर रहा है दूसरी तरह हरियाली को हानी पहुंच रही है। बीते कुछ वर्षो में शहर में हुए विकास कामों का सीधा असर शहर में मौजूद पेड़ों पर पड़ा है। जानकर इसके पीछे के कई कारणों को गिना रहे है।
शहर की तरक्की के लिए विकास लाज़मी है. विकास इंफ्राटक्चर और नागरी सुविधाओं के विकास से ही हासिल होगी लेकिन जरुरी है की जो काम हो रहे है. उसमे सिर्फ कामचलाऊ कामकाज न हो बल्कि पहले से ही पेड़ो को चिंता कर काम किया जाये।
बीते कुछ वर्षो में नागपुर में हरियाली को जो चोट पहुंच रही है. उसे भरने के लिए कुछ लोग सामने आये है. हालही इन लोगो की संख्या मुट्ठी भर है और इनके प्रयास और संसाधनों की सीमा भी ऐसे में जरुरी है की सरकार और प्रशासन के स्तर पर ठोस निर्णय लिया जाये। शहर के इस गंभीर सवाल को लेकर यूसीएन न्यूज़ की टीम ने शहर की पालक एजेंसी महानगर पालिका से भी सवाल किया। जिसका जवाब मिला की आने वाले समय में पेड़ो का संरक्षण को इसके लिए एक पालिसी बनाई जायेगी।
नागपुर में पेड़ो को नुकसान पहुंचने के जो प्रमुख कारण है उसमे कंक्रीटीकरण प्रमुख है. अब जो हो चुका जो हो चुका लेकिन मनपा का दावा है की चौथे फेज में सीमेंट की सड़कों का जो निर्माणकार्य शुरू होने वाला है उसमे ठेकेदारों को इस बात के लिए खास तौर से ताकीद कराई गई है की वो शहर के किनारे पेड़ों की चोकिंग अपने कामों से न होने दे।

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