उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र में भी लगेगा हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध! सीएम एकनाथ शिंदे ने दिए जांच के आदेश
नागपुर: महाराष्ट्र में अवैध रूप से ‘हलाल प्रमाणपत्र’ देने प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर शिवसेना की विधायक डॉ मनीषा कायंदे, विधायक सर्वश्री भरतशेठ गोगावले, प्रताप सरनाईक, संतोष बांगर, बालाजी कल्याणकर तथा प्रकाश सुर्वे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से विधान भवन में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में अधिकारियों को इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए।
इस समय शिवसेना की विधायक डॉ कायंदे ने मुख्यमंत्री को महाराष्ट्र के कुछ हलाल प्रमाणित उत्पाद दिखाकर कहा कि ‘‘दुग्धजन्य पदार्थ, शक्कर, बेकरी उत्पाद, नमकीन, रेडी-टू-ईट, खाद्यतेल, औषधियां, वैद्यकीय उपकरण तथा सौंदर्यप्रसाधनों से संबंधित सरकारी नियमों में उत्पादों के कवर पर हलाल सर्टिफाइड चिन्ह अंकित करने का कानूनी प्रावधान नहीं है। साथ ही औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन कानून, 1940 तथा संबंधित नियमों में हलाल प्रमाणपत्र का कोई प्रावधान नहीं है।
कायंदे मुख्यमंत्री को बताया कि ऐसी स्थिति में किसी भी औषधि, वैद्यकीय उपकरण अथवा कॉस्मेटिक के आवरण (कवर) पर हलाल प्रमाणपत्र से संबंधित कोई भी तथ्य प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से लिखे हों, तो वह एक दंडनीय अपराध है।
खाद्यपदार्थाें के संदर्भ में लागू कानून तथा नियमों के अनुसार, भारतीय खाद्य सुरक्षा तथा मानक प्राधिकरण (FSSAI) को खाद्यपदार्थाें का मानक निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। इसके आधार पर खाद्यपदार्थाें की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है। इसके विपरीत हलाल प्रमाणन एक समांतर प्रणाली है, जो खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता के विषय में भ्रम निर्माण कर सरकारी नियमों का उल्लंघन करती है।
विधायकों ने शिंदे को बतया कि महाराष्ट्र सहित पूरे देश में हलाल इंडिया प्रा लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेस इंडिया प्रा लिमिटेड, जमियत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट मुंबई, जमियत उलेमा-ए-महाराष्ट्र आदि अनेक संस्थाएं अवैध रूप से हलाल प्रमाणपत्र वितरित करती हैं। साथ ही यह पैसा लष्कर-ए-तोयबा, इंडियन मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट तथा अन्य आतंकवादी संगठनों के लगभग 700 आरोपियों की कानूनी सहायता करने के लिए उपयोग किया जाता है। विषयकों ने इस विषय में मुख्यमंत्री को सबूत भी दिए।
मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि मैंने इस विषय में सुना है। मूलतः भारत में हलाल प्रमाणपत्र की क्या आवश्यकता है? यह सर्व प्रकरण गंभीर है। शासन इसकी विस्तृत जांच कर उपयुक्त कार्यवाही करेगा।
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