अब चुनाव में हारने वाले कर सकेंगे ईवीएम की जांच, बस उम्मीदवारों को करना पड़ेगा यह काम

नागपुर: चुनाव के समय इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीन बड़ा मुद्दा बना हुआ। विपक्ष के तमाम नेता और राजनीतिक दल इवीएम की विश्वनियत पर सवाल खडे कर रहे हैं और उसके साथ छेड़छाड़ करने का दावा कर रहे हैं। नेताओं के लगातार आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है, जिसके तहत अब चुनाव में हारने वाले प्रत्याशी ईवीएम की जांच कर सकेंगे और यह जान सकेंगे की उसके साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं।
नागपुर लोकसभा सीट पर कल यानि चार जून को वोटों की गिनती होने वाली है। इसी को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर बिपिन इटनकार ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया था। जिसमें मतगणना को लेकर की गई तैयारी की सभी जानकारी उन्होंने दी। इसी दौरान उन्होंने ईवीएम को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर जवाब दिया, साथ जिन्हें शक है उनके लिए आयोग की नई योजना भी सार्वजनिक की।
जिलाधिकारी इटनकर ने बताया कि, चुनाव के समय कई प्रत्याशी अपनी हार को लेकर वोटिंग मशीन को जिम्मेदार बताते हैं। वह आरोप लगाते हैं कि, मशीन को हैक कर लिया गया है। इस कारण उसे हार का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने एक योजना लाई है जिसके तहत प्रत्याशी खुद मशीन की जांच कर सकते हैं।"
जिलाधिकारी के अनुसार, "प्रत्याशी को परिणाम घोषित होने के सात दिन के अंदर मशीन चेकिंग के लिए एक फॉर्म भरना होगा। इसी के साथ 40 हजार रूपए की चेकिंग फीस भी जमा करानी पड़ेगी। इसके बाद फॉर्म को चुनाव आयोग भेजा जाएगा। आवेदन स्वीकार होने के बाद आयोग का इंजिनियर उम्मीदवार के सामने कुल वोटिंग मशीन में से पांच प्रतिशत मशीनों की जांच करेगा।" हालांकि, यह सुविधा लेवल चुनाव में दूसरे और तीसरे नंबर के प्रत्याशी के लिए उपलब्ध होगी।

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