जनसंख्या असंतुलन पर मोहन भागवत ने जताई चिंता, कहा- आज भी दुनिया में बन रहे नए देश, इसकी न हो अनदेखी

नागपुर: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को विजयदशमी के मौके पर संघ सेवकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की बढ़ती जनसँख्या सहित सिमा क्षेत्र और एक समुदाय की बढ़ती आबादी पर हो रहे जनसँख्या पर असंतुलन चिंता जताई है। इसी के साथ उन्होंने लगातार हो रहे घुसपैठ पर भी चिंता जताई है। नागपुर के रेशम बाग में आयोजित सभा में संघ प्रमुख ने कहा, दुनिया में जनसंख्या असंतुलन के कारण आज भी नए देश बन रहे हैं। जिसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।"
संघ प्रमुख ने कहा, "हमें आजाद हुए 75 साल हो गये हैं। हमने पुराने अनुभव किया है देख भी रह रहे हैं कि, 21वीं सदी में हमने तीन नए देश ईस्ट तिमारो, दक्षिण सूडान और कोसोवा को बनते हैं। ये सभी जनसंख्या असंतुलन के कारण बने देश हैं। जब-जब किसी देश में जनसांख्यिकी असंतुलन होता है तब-तब उस देश की भौगोलिक सीमाओं में भी परिवर्तन आता है।"
जबरदस्ती धर्मानान्तरण को लेकर संघ प्रमुख ने, "जन्मदर में असमानता के साथ साथ लोभ, लालच, जबरदस्ती से होने वाले धर्मान्तरण के साथ-साथ देश में हुई घुसपैठ भी बड़े कारण है। इन सबका विचार करना पड़ेगा।" भगवत ने आगे कहा, जनसंख्या नियंत्रण के साथ-साथ पांथिक आधार पर जनसंख्या संतुलन भी महत्व का विषय है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।"

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