उद्धव को मुनगंटीवार का जवाब अगर वो नेतृत्व कर ही नहीं सकते थे तो जिम्मेदारी संभाली ही क्यों !

नागपुर: पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कल (शनिवार, 6 मई) रत्नागिरी के बारसू गए थे और रिफाइनरी का विरोध कर रहे ग्रामीणों से मुलाकात की थी. यात्रा के बाद उद्धव ठाकरे ने सत्तारूढ़ भाजपा-शिंदे समूह को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने सत्ता की ताकत दिखाते हुए परियोजना को थोपने की कोशिश की तो इसका परिणाम गलत होगा। ठाकरे ने शनिवार को राजापुर तालुका में प्रस्तावित बारसू तेल रिफाइनरी परियोजना के आसपास के इलाकों का भी निरीक्षण किया था उन्होंने धोपेश्वर-गिरमादेवी कोंड के ग्रामीणों से भी बातचीत की.उद्धव ठाकरे के इस रुख के बाद सत्ताधारी बीजेपी और शिंदे गुट ने उनकी आलोचना शुरू कर दी है. सत्ताधारी पार्टी के नेता पहले भी कई बार जानकारी दे चुके हैं कि खुद उद्धव ठाकरे ने ही पत्र देकर कहा था कि इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाए. इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा, ये लोग (बीजेपी-शिंदे गुट) बारसू परियोजना के लिए मेरे नाम की चिट्ठी घुमा हैं, लेकिन मैंने वह चिट्ठी सिर्फ गद्दारों के कारण दी थी.ठाकरे के इस बयान पर बीजेपी नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की प्रतिक्रिया आयी है.मुनगंटीवार ने कहा की नाणार प्रोजेक्ट के वक्त उद्धव ठाकरे ने कहा था कि इसके लिए दूसरी वैकल्पिक जगह दी जाएगी. तब उन्होंने ही बारसू प्रोजेक्ट के लिए पत्र दिए थे, उनका सुझाव था कि यहां प्रोजेक्ट यहाँ लगाया जाए। लेकिन अब वे सत्ता से बाहर हो गए हैं। इसलिए कह रहे है की दूसरों ने मुझे बताया तो मैंने ऐसा किया और पत्र दे दिया। अगर वह मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपनी मर्जी से काम नहीं कर सकते तो उन्हें राज्य का नेतृत्व करने की कोशिश ही नहीं करनी चाहिए।

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