मनपा के उपाय हुए नाकाफी, अंबाझरी तालाब में जलकुंभियों का डेरा
नागपुर: अंबाझरी तालाब में एक अंतराल के बाद फिर जलकुंभियों का डेरा जम गया है. तालाब के बड़े पैमाने पर पैदा होने वाली जलकुम्भी को हटाने का काम भी बंद हो गया है. गुरुवार को अचानक से जैसे तालाब किनारे जलकुंभियों की बाढ़ आ गयी.
नागपुर के अंबाझरी तालाब में जलकुम्भी की समस्या थमते नहीं थम रही है. दूषित पानी की वजह से अपने आप उग आने वाली इस जलकुम्भी ने नागपुर में आयी बढ़ में ही अपनी हिस्सेदारी निभाई थी. जिसके बाद इन्हे हटाने को लेकर आंदोलन स्तर पर नागपुर महानगर पालिका ने प्रयास शुरू किया था. लेकिन ये प्रयास नाकाम ही साबित हुए है. अभी कुछ दिनों तक जलकुंभियों का प्रमाण कम था जो गुरुवार को अचानक से बढ़ गया.
तालाब के अगल-बगल जलकुंभियों का डेरा है. ओवर फ्लो पॉइंट से गिरकर यह नाग नदी में न मिले इसलिए एक जाली लगा दी गयी है. और बीते कुछ समय से इन्हे निकालने का काम भी रुका हुआ दिखाई दिया। जिस वजह से इनकी संख्या अचानक से बढ़ गयी है. अंबाझरी तालाब की खूबसूरती को निहारने के बड़ी संख्या में लोग यहाँ पहुंचते है। जो अब इस समस्या को जड़ से हटाने की मांग कर रहे है.
तालाब के आस पास रहने वाले कई लोगों की तालाब के साथ होने वाली सुबह और ख़त्म होने वाली शाम जिंदगी का अहम हिस्सा है. इनके मुताबिक इस वर्ष जलकुंभियों की जो मौजूदगी उन्होंने देखि ऐसा पहले कभी नहीं दिखा। वो भी इसका स्थाई समाधान खोजने की मांग कर रहे है.
तालाब के आस पास के इलाको में रहने वालो के मुताबिक ये तालाब नागपुर की पहचान है. नागपुर आने वाला कोई भी व्यक्ति एक बार इस खूबसूरत तालाब की झलक देखने जरूर आता है लेकिन उनके देखते देखते तालाब की खूबसूरती ख़त्म हो रही है. जानकारों की माने तो जलकुंभियों के पैदा होने की प्रमुख वजह इंड्रस्टियल और सीवरेज वेस्ट है.
जिसे रोकने के महानगर पालिका के प्रयास अब तक असफल ही साबित हुए है. अभी हालही में एमआयडीसी को मनपा ने नोटिस भी जारी किया है. ये तालाब सिर्फ खूबसूरती भर के लिए नहीं है कई लोगों के लिए तैराकी का मज़ा लेने का अड्डा भी है. शौक और आदत गंदे पानी में फिटनेस पाने की कसरत करने के लिए भी मजबूर कर रही है.
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