नागपुर विश्वविद्यालय को मिली पहली महिला कुलगुरु, डॉक्टर मनाली क्षीरसागर होंगी RTMNU की 25वीं कुलगुरू
नागपुर: लगातार दो वर्षों तक कुलपति पद खाली रहने के बाद नागपुर विश्वविद्यालय में आखिरकार स्थायी नेतृत्व स्थापित हो गया है। इतिहास रचते हुए डॉ. मनाली मकरंद क्षीरसागर को विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलगुरु नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के साथ न सिर्फ प्रशासनिक ठहराव की स्थिति समाप्त होने की उम्मीद है, बल्कि विश्वविद्यालय में नई ऊर्जा, पारदर्शिता और सुधारों के दौर की भी शुरुआत मानी जा रही है।
नागपुर विश्वविद्यालय में लंबे समय से लंबित कुलगुरु नियुक्ति का रास्ता आखिरकार साफ हो गया। राज्यपाल और कुलाधिपति द्वारा यशवंत राव चव्हाण अभियांत्रिक महाविद्यालय की तकनीकी डायरेक्टर व सलाहकार डॉक्टर मनाली मकरंद क्षीरसागर को 25वीं नियमित कुलगुरु के रूप में नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। खास बात यह है कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार किसी महिला को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे शैक्षणिक जगत और छात्र समुदाय में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
दो साल से विश्वविद्यालय स्थायी कुलगुरु के अभाव में कार्यवाहक व्यवस्था पर चल रहा था, जिसके चलते कई महत्वपूर्ण फैसले लंबित थे और प्रशासनिक गतिविधियां धीमी पड़ गई थीं। छात्रों से लेकर शिक्षकों तक, सभी वर्ग विश्वविद्यालय में सक्षम व स्थायी नेतृत्व की मांग कर रहे थे। एनएसयूआई सहित कई छात्र संगठनों ने नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर लगातार आवाज बुलंद की थी और जल्द से जल्द कुलपति नियुक्त करने की मांग की थी।
डॉ. क्षीरसागर की नियुक्ति के साथ अब उम्मीद जताई जा रही है कि विश्वविद्यालय की ठप पड़ी प्रक्रिया को गति मिलेगी। उनके सामने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सुधार, अधूरे फैसलों को पूरा करने, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने तथा प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करने जैसी कई चुनौतियां होंगी। छात्रों और शिक्षकों ने एक स्वर में उम्मीद जताई है कि डॉ. क्षीरसागर की नियुक्ति से प्रशासनिक सक्रियता बढ़ेगी, लटके हुए मुद्दों का समाधान होगा और नागपुर विश्वविद्यालय एक बार फिर शैक्षणिक गुणवत्ता के नए मानक स्थापित करेगा।
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